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जेएलएनएमसीएच : खिड़कियों के टूटे कांच नहींं बदले गये

तसवीर विद्यासागर – कड़ाके की ठंड में कूट व परदा टांग रात काट रहे मरीजवरीय संवाददाताभागलपुर : जेएलएनएमसीएच के सभी वार्डों में खिड़कियों के टूटे शीशे को नहीं बदला गया है. अस्पताल में भरती मरीज व परिजन सर्द रात में परेशान रहते हैं. सबसे अधिक परेशानी स्त्री एवं प्रसव रोग विभाग एवं शिशु विभाग में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 26, 2014 12:03 AM

तसवीर विद्यासागर – कड़ाके की ठंड में कूट व परदा टांग रात काट रहे मरीजवरीय संवाददाताभागलपुर : जेएलएनएमसीएच के सभी वार्डों में खिड़कियों के टूटे शीशे को नहीं बदला गया है. अस्पताल में भरती मरीज व परिजन सर्द रात में परेशान रहते हैं. सबसे अधिक परेशानी स्त्री एवं प्रसव रोग विभाग एवं शिशु विभाग में भरती मरीजों को होती है. कहते हैं मरीजमरीजों ने बताया कि रात में ठंडी हवा से यहां रहना मुश्किल हो जाता है. जानकारी के अनुसार प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता में रोगी कल्याण समिति की बैठक में तय किया गया था कि अस्पताल के सभी वार्डों के टूटे खिड़कियों की मरम्मती करायें. इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने भवन निर्माण विभाग को कार्य करने का निर्देश भी दिया पर अब तक कार्य पूरा नहीं हो सका है. काजीचक निवासी आलम की पत्नी तबस्सुम प्रसूता है और टूटी खिड़की के पास बेड से ठंड से परेशान है.कोटखिड़कियों के शीशे बदलने के पहले ही भवन निर्माण विभाग द्वारा शीशे को तोड़ दिया गया और स्थानीय बाजार में वह कांच नहीं मिल रहा है. अब कोलकाता से कांच को मंगाया जा रहा है. कार्य करने वाले एजेंसी को फिर कहा जायेगा कि जल्द से जल्द खिड़कियों की मरम्मत करा दें. डॉ आरसी मंडल, अधीक्षक, जेएलएनएमसीएचअधीक्षक अपने स्तर से टूटे कांच को बदलवाने का प्रयास कर रहे हैं. पर ठंड के दिनों में बच्चों को ठंडी हवा से बचा कर रखना चाहिए. वैसे हमलोग एहतियात के तौर पर टूटी खिड़की के पास बच्चों को बेड नहीं देते हैं. डॉ आरके सिन्हा, विभागाध्यक्ष, शिशु विभाग, जेएलएनएमसीएच

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