सर्वर ठीक होने के बाद जन्म-मृत्यु से संबंधित 25 आवेदनों का हुआ निष्पादन
नगर निगम का सर्वर ठीक हाेने के बाद गुरुवार काे जन्म-मृत्यु से संबंधित 25 आवेदनों का निष्पादन हुआ.
वरीय संवाददाता, भागलपुर नगर निगम का सर्वर ठीक हाेने के बाद गुरुवार काे जन्म-मृत्यु से संबंधित 25 आवेदनों का निष्पादन हुआ. हालांकि, 10 नये आवेदन भी जमा हाे हुए हैं. अब नये आवेदनों की बारी तभी आयेगी, जब लंबित 700 आवेदनों का निष्पादन कर लिया जायेगा. दरअसल, लगातार सर्वर खराब रहने की वजह से इस पर काम नहीं हाे रहा था, लाेग हर दिन निगम दफ्तर का चक्कर लगाकर वापस लाैट जाते थे. बुधवार की शाम सर्वर ठीक हाेने के बाद पांच अावेदनाें का निष्पादन हुआ था.लाेगाें की सुविधा के लिए अब स्मार्ट सिटी के कंट्राेल एंड कमांड सेंटर बिल्डिंग में दाे काउंटर अलग से बनाए जा रहे हैं. आम लाेगाें के आवेदन वहीं जमा लिए जाएंगे, इसके बाद लाेगाें काे मैसेज मिल जायेगा कि उनका आवेदन कहां अटका है और इसमें कितने दिन लगेंगे. लाेगाें काे निगम दफ्तर आने की जरुरत नहीं हाेगी, स्मार्ट सिटी के दफ्तर से ही उन कागजाताें काे निगम भेज दिया जायेगा. गंगा नदी को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए लोगों को किया जायेगा जागरूक नमामि गंगे योजना के तहत नगर निगम की ओर से लोगों को जागरूक किया जायेगा. ताकि, गंगा नदी को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए जनभागीदारी बढ़ सके. इसके लिएइंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (आईआईपीए) की ओर से नमामि गंगे परियोजना के क्रियान्वयन के लिए नामित सदस्यों को प्रशिक्षित किया गया है. इसमें नगर निगम की ओर से ठोस अपशिष्ट एवं स्वच्छता प्रभारी शशिभूषण सिंह शामिल हुए. दो दिवसीय इस ऑनलाइन प्रशिक्षण शिविर में बताया गया कि गंगा नदी में प्रदूषण को बढ़ने से रोकने के लिए गंगा नदी में किसी भी तरह का कूड़ा कचरा यहां तक मंदिरों से निकलने वाले फूल मालाएं आदि नहीं बहाने के लिए लोगों को जागरूक करना बहुत जरूरी है. यह जनभागीदारी से ही संभव हो सकेगा. दो दिवसीय इस ट्रेनिंग के दौरान आईआईपीए की श्यामली सिंह की ओर से नमामि गंगे योजना के तहत गंगा नदी को स्वच्छ रखने, बायो डायवर्सिटी संबंध में विभिन्न जानकारियां दी गयी. दरअसल, गंगा बेसिन के लिए टिकाऊ, पारिस्थितिक और आर्थिक विकास विकसित करने के लिए, नमामि गंगे ने गंगा संरक्षण के लिए लोगों की भागीदारी को एकीकृत करके आईआईपीए को नेतृत्व करने के लिए सौंपा गया है. कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य क्षमता और सार्वजनिक जागरूकता को मजबूत करना और बहु-क्षेत्रीय समन्वय को बढ़ावा देना है.
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