पुल पांच करोड़ का, फिर भी चचरी का सहारा

भागलपुर: ऐसा दृश्य शायद ही कहीं देखने को मिले कि करोड़ों के पुल पर लोग चचरी के सहारे चढ़ते हों. नाथनगर के लालूचक के समीप जमुनियां नदी पर आरसीसी पुल का दृश्य ऐसा ही है. इसके उत्तरी छोर पर पहुंच पथ नहीं है. चचरी के सहारे लोग चढ़ते और उतरते हैं. स्थानीय लोगों का कहना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2014 8:27 AM

भागलपुर: ऐसा दृश्य शायद ही कहीं देखने को मिले कि करोड़ों के पुल पर लोग चचरी के सहारे चढ़ते हों. नाथनगर के लालूचक के समीप जमुनियां नदी पर आरसीसी पुल का दृश्य ऐसा ही है. इसके उत्तरी छोर पर पहुंच पथ नहीं है. चचरी के सहारे लोग चढ़ते और उतरते हैं.

स्थानीय लोगों का कहना था कि पिछले लगभग पांच साल से ग्रामीण इसी स्थिति में गुजर रहे हैं. इसी पुल से लगभग डेढ़ किलोमीटर पूरब भुटकू मंडल पुल का निर्माण कर रहे हैं. आरसीसी पुल के प्रति उपेक्षा भी भुटकू मंडल को अपने पुल पर पत्थर व ईंट डालने के लिए विवश कर दिया था.बुद्धूचक, लालूचक सहित जमुनियां नदी के दोनों तरफ बसे दर्जनों गांव के लोगों की वर्षो से यह मांग रही थी कि जमुनियां नदी पर पुल बने. आरसीसी पुल का शिलान्यास 6.6.2010 को तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था.

शिलान्यास के समय तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पथ निर्माण मंत्री डॉ प्रेम कुमार, प्रभारी मंत्री नरेंद्र सिंह, योजना व विकास मंत्री सुधा श्रीवास्तव, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री अश्विनी कुमार चौबे और सांसद सैयद शाहनवाज हुसैन भी मौजूद थे. पुल का निर्माण भी हो गया. दक्षिणी छोर का पहुंच पथ भी तैयार कर दिया गया. लेकिन उत्तरी छोर का पहुंच पथ नहीं बनाया जा सका. पुल का निर्माण पांच करोड़ 38 लाख 52 हजार में किया गया है. चचरी के सहारे पुल पर बाइक चढ़ाना मामूली काम नहीं है. ग्रामीणों की मजबूरी है कि बाइक से वे अकेले इस पुल से होते हुए अकेले शहर नहीं आ सकते. बाइक को धकेल कर पुल पर चढ़ाने के लिए एक और व्यक्ति की जरूरत पड़ती है. लिहाजा गांव से निकलते वक्त बाइक पर दो लोग सवार हो जाते हैं या फिर उन्हें पुल के समीप किसी अन्य की मदद लेनी पड़ती है. कई बार बाइक के फिसलने से लोग जख्मी भी हुए हैं.

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