पांच साल में प्रखंडों में नया भवन

भागलपुर: अगले पांच साल के दौरान सूबे के सभी प्रखंड मुख्यालयों में नया प्रखंड भवन बनाने की योजना है. पुराने भवनों का उपयोग अन्य कार्यो के लिए होगा. इसमें एक ही जगह पर कार्यालय के अलावा अधिकारियों व कर्मचारियों का आवास होगा. प्रखंड व अंचलकर्मियों का आवास बहुमंजिला होगा. सरकार की योजना है कि जिला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2014 8:27 AM

भागलपुर: अगले पांच साल के दौरान सूबे के सभी प्रखंड मुख्यालयों में नया प्रखंड भवन बनाने की योजना है. पुराने भवनों का उपयोग अन्य कार्यो के लिए होगा. इसमें एक ही जगह पर कार्यालय के अलावा अधिकारियों व कर्मचारियों का आवास होगा. प्रखंड व अंचलकर्मियों का आवास बहुमंजिला होगा.

सरकार की योजना है कि जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड मुख्यालय तक में कार्यालय भवन व अधिकारियों व कर्मचारियों का आवास एक जगह हो ताकि कामकाज में सुविधा हो. इसके लिए जिला मुख्यालय के लिए सौ एकड़ तथा अनुमंडल मुख्यालय के लिए 50 व प्रखंड मुख्यालय के लिए 30 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी.

भागलपुर में इस्माइलपुर व रंगरा को भी अपना भवन नहीं : भागलपुर जिले में 16 प्रखंड हैं. इसमें रंगरा व इस्माइलपुर को अपना भवन नहीं है. इस्माइलपुर में अभी प्रखंड भवन का कोई आस भी नजर नहीं आ रा है. रंगरा चौक में जल्द ही भवन का निर्माण होगा. भवन निर्माण के लिए भवन निर्माण विभाग जल्द ही टेंडर निकालेगा. इसके निर्माण पर 20 करोड़ की लागत आयेगी. इस्माइलपुर जिले का सबसे पिछड़ा इलाका है. सड़क के अभाव में यहां तक पहुंचना मुश्किल है. सड़क के अभाव में कई योजनाओं के लाभ से यहां के लोग वंचित रह जाते हैं. प्रखंड मुख्यालय के भवन निर्माण के लिए अब तक जमीन का भी अधिग्रहण नहीं हो पाया है. जमीन उपलब्ध होने के बाद ही भवन का निर्माण होगा.

निर्माण पर 20-25 करोड़ की आयेगी लागत

राज्य में पुराने प्रखंडों के कार्यालय तथा आवास का भवन काफी पुराना हो गया है तथा नवसृजित प्रखंड किसी तरह के भवन में चल रहा है. वहां कोई विशेष सुविधा नहीं है. भवन निर्माण विभाग के सूत्रों के अनुसार अगले पांच साल में प्रखंडों में नया भवन बनाने की योजना है. इस दिशा में काम भी शुरू हो गया है. एक मोटे अनुमान के अनुसार प्रखंड भवनों के निर्माण पर 20 से 25 करोड़ की लागत आयेगी. इसमें कार्यालय के अलावा आवास का भी निर्माण होगा. अभी आवास के नहीं रहने से अधिकारी व कर्मचारी प्रखंड मुख्यालय में नहीं रहते, अगर रहते भी हैं, तो किराये के मकान में. अधिकांश भवनों की अब ऐसी स्थिति नहीं रह गयी है कि उसमें रहा जा सके.

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