संतों के उपदेश के बीच नववर्ष का आगाज
– महर्षि मेंहीं आश्रम परिसर में उमड़ी बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की भीड़- पार्क में उतरने की नहीं थी इजाजत, पुल पर खड़े होकर लोगों ने निहाराफोटो : सुरेंद्रवरीय संवाददाता, भागलपुरएक तरफ जहां लोग नये साल की शुरुआत करने के लिए अच्छे-अच्छे भोजन के लिए बाग-बगीचे, होटल, रेस्टोरेंट, क्लब आदि में व्यस्त दिखे. वहीं, […]
– महर्षि मेंहीं आश्रम परिसर में उमड़ी बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की भीड़- पार्क में उतरने की नहीं थी इजाजत, पुल पर खड़े होकर लोगों ने निहाराफोटो : सुरेंद्रवरीय संवाददाता, भागलपुरएक तरफ जहां लोग नये साल की शुरुआत करने के लिए अच्छे-अच्छे भोजन के लिए बाग-बगीचे, होटल, रेस्टोरेंट, क्लब आदि में व्यस्त दिखे. वहीं, भागलपुर व आसपास की बड़ी आबादी ने अपने नववर्ष की शुरुआत संतों के प्रवचन सुन कर की. महर्षि मेंहीं आश्रम परिसर घंटों व्यतीत करनेवाले लोगों से भरा था. दर्जनों लोग ऐसे थे, जिन्होंने अध्यात्म से संबंधित पुस्तकें खरीदीं. उनका कहना था कि आज कुछ अच्छा कर लें, तो प्रभु की कृपा से सालों भर अच्छा ही होता रहेगा.आश्रम के भव्य नजारा को हर कोने से देखने के लिए लोग आतुर दिखे. संतों के प्रवचनों की कमोबेश हर पंक्ति यही कह रही थी कि हम नये साल को किस तरह जीयें. बीते वर्ष की किन गलतियों को भूलें. बताया गया कि वर्ष 2015 के लिए हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम समाज के कल्याण के लिए जीयेंगे. शराब, मांस-मछली को वर्जित करेंगे. हम ऐसा करेंगे, जिससे सबका भला हो. पिछले वर्षों की सारी बुराई का त्याग करेंगे. आश्रम परिसर में बाइक पार्किंग के लिए जगह कम पड़ गयी थी. अधिकतर लोग अपने परिवार के साथ पहुंचे थे. युवक-युवतियों से परिसर भरा था. कहीं कोई फोटो ले रहे थे, तो कोई पुस्तक केंद्र से अध्यात्म की किताबें खरीद रहे थे. पार्क में उतरने की इजाजत आश्रम प्रबंधन ने नहीं दी थी. लिहाजा लोग पुल के ऊपर से ही पार्क के विभिन्न आकर्षक दृश्यों को निहार रहे थे. गुफा का दर्शन भी लोगों ने किया, तो कुछ लोग आश्रम के पश्चिमी गेट से गंगा नदी का भी दर्शन किया.