भागलपुर जिले के 26 स्कूलों द्वारा बच्चों को शैक्षणिक परिभ्रमण नहीं कराने पर 5.20 लाख की राशि लौटानी पड़ी है. अब ऐसे स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को राशि खर्च नहीं करने से संबंधित उपयोगिता प्रमाण पत्र देना होगा. पांच जुलाई तक सभी प्रधानाध्यापकों को डीपीओ योजना एवं लेखा संभाग के कार्यालय में उपस्थित हो कर उपयोगिता प्रमाण पत्र सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया है. मालूम हो कि वर्ष 2018 – 19 में स्कूलों में मुख्यमंत्री बिहार दर्शन योजना के तहत 20,000 रुपये की राशि दी गयी थी. लेकिन 26 स्कूलों ने परिभ्रमण नहीं करते हुए राशि खर्च नहीं की.
परिभ्रमण से वंचित रह गये बच्चे
अगर सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गयी राशि का इस्तेमाल होता तो बच्चे बिहार के पर्यटल स्थल पर पहुंच कर कई तरह के अनुभवों को प्राप्त करते. बच्चे आस पास के दर्शनीय स्थलों पर तो जा ही सकते थे. अधिकांश स्कूलों की ओर से उस वर्ष विक्रमशिला, मंदार, ऋषिकुंड आदि दर्शनीय स्थलों पर परिभ्रमण में गये थे.इन स्कूलों को लौटानी पड़ी राशि
मोक्षदा बालिका उच्च विद्यालय भागलपुर, सरदारी चौधरी उच्च विद्यालय सुल्तानगंज, सुखराज राय उच्च विद्यालय नाथनगर, पीडी मुरारका उच्च विद्यालय सुलतानगंज, उच्च विद्यालय खानपुर, उच्च विद्यालय सबौर, उच्च विद्यालय प्रशस्तडीह, सिमरो, गांधी उच्च विद्यालय जमीनमुरहनहाट, उच्च विद्यालय ताड़र, जवाहरलाल उच्च विद्यालय धनौरा, शेरमारी उच्च विद्यालय पीरपैंती, सुकदेव रामसुंदर उच्च विद्यालय खवासपुर पीरपैंती, श्रीदुर्गा उच्च विद्यालय रामनगर गोविंदपुर, इंटरस्तरीय उच्च विद्यालय नवगछिया, रूंगटा बालिका उच्च विद्यालय नवगछिया, इंटर स्कूल खरी, उच्च विद्यालय भवनपुरा, उच्च विद्यालय बहत्तरा राघोपुर, मधुसूदन सर्वोदय उच्च माध्यमिक विद्यालय बिहपुर, उच्च विद्यालय झंडपुर, उच्च विद्यालय जयरामपुर, उच्च विद्यालय नारायणपुर, उच्च विद्यालय सैदपुर, उच्च विद्यालय कमलाकुंड, एसआरएनडीएलवाई उच्च विद्यालय लत्तरा नवटोलिया, प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय सैदपुर को कुल मिला कर 5.20 लाख रुपये की राशि लौटानी पड़ी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है