बिहार में ग्रूप वर्कशेड योजना को बुनकरों ने नकारा

– चार बुनकरों को पावरलूम मशीन स्थापित करने के लिए मिलनी थी सब्सिडी – प्रदेश में मात्र पूर्णिया व गया से मिला प्रस्ताव वरीय संवाददाता, भागलपुर कपड़ा मंत्रालय की पावरलूम सेक्टर में क्रांति लाने की ग्रुप वर्कशेड योजना को बुनकरों ने नकार दिया है. योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2014-15 में मात्र दो जगहों से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2015 7:03 PM

– चार बुनकरों को पावरलूम मशीन स्थापित करने के लिए मिलनी थी सब्सिडी – प्रदेश में मात्र पूर्णिया व गया से मिला प्रस्ताव वरीय संवाददाता, भागलपुर कपड़ा मंत्रालय की पावरलूम सेक्टर में क्रांति लाने की ग्रुप वर्कशेड योजना को बुनकरों ने नकार दिया है. योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2014-15 में मात्र दो जगहों से ही प्रोजेक्ट प्रस्तावित किया गया है. पावरलूम बुनकरों का कहना है कि उनकी माली हालत के कारण यह योजना उनके लिए व्यावहारिक नहीं है. वे एक साथ 88 लाख रुपये तक का निवेश करने में असमर्थ हैं. पावरलूम सेंटर के सहायक निदेशक एके भट्टाचार्य के मुताबिक, गया व पूर्णिया से मिले प्रोजेक्ट को निदेशालय भेजा गया है. क्या है योजना कपड़ा मंत्रालय ने ग्रुप वर्कशेड योजना में चार लोगों के ग्रुप को सब्सिडी पर पावरलूम मशीन देने की घोषणा की. इसमें एक व्यक्ति को कम से कम 22 लाख रुपये की राशि लगानी होगी. योजना में बिल्डिंग निर्माण खर्च का 40 फीसदी या 300 रु प्रति वर्ग फीट अनुदान दिया जाता है. इसके अलावा मशीन की खरीद पर भी 30 फीसदी प्रौद्योगिकी उन्नयन निधि योजना के तहत सब्सिडी दी जाती है. यह है स्थिति एके भट्टाचार्य के मुताबिक, पूर्णिया से 12 करोड़ रुपये तथा गया से 3.5 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट योजना के तहत प्रस्तावित है. दोनों ही प्रोजेक्ट की अंतिम संस्तुति के लिये कपड़ा मंत्रालय भेजा गया है. उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त वर्ष 2014-15 में एक भी प्रोजेक्ट प्रस्तावित नहीं है. उन्होंने माना कि एक साथ इतनी बड़ी राशि निवेश वाली योजना होने से यहां के बुनकर इसे सहजता से नहीं ले पा रहे हैं. वैसे गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल आदि में प्रोजेक्ट का अच्छा रिस्पांस आया है.

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