अंगिका साहित्यिक संस्थाओं को जगाने की जरूरत
-बैठक में अंगिका के साहित्यकारों ने लिया निर्णयफोटो : वरीय संवाददाता भागलपुरतिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर अंगिका विभाग में शनिवार को अंगिका के साहित्यकारों की बैठक हुई. इसमें अंगिका की दिशा व दशा पर विचार किया गया. साहित्यकारों ने निर्णय लिया कि उन अंगिका साहित्यिक संस्थाओं को जागृत करने की आवश्यकता है. खासकर अखिल भारतीय […]
-बैठक में अंगिका के साहित्यकारों ने लिया निर्णयफोटो : वरीय संवाददाता भागलपुरतिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर अंगिका विभाग में शनिवार को अंगिका के साहित्यकारों की बैठक हुई. इसमें अंगिका की दिशा व दशा पर विचार किया गया. साहित्यकारों ने निर्णय लिया कि उन अंगिका साहित्यिक संस्थाओं को जागृत करने की आवश्यकता है. खासकर अखिल भारतीय अंगिका साहित्य कला मंच के संस्थापक महामंत्री गुरेश मोहन घोष ‘सरल’ को स्मरण करते हुए उनकी उपलब्धियों को रेखांकित किया गया. इस मंच के अगले अधिवेशन को सफल बनाने के लिए एक तदर्थ समिति का गठन किया गया. समिति में मुख्य संयोजक डॉ मधुसूदन झा, सहायक संयोजक सुधीर प्रोग्रामर के अलावा आमोद कुमार मिश्र, डॉ अमरेंद्र, नरेश जनप्रिय, हीरा प्रसाद हरेंद्र, विकास सिंह गुलटी, मीरा झा व उलूपी झा को सदस्य के रूप में चयनित किया गया. अंगमाधुरी के संपादक नरेश पांडेय ‘चकोर’ ने बैठक की अध्यक्षता की. डॉ बहादुर मिश्र ने धन्यवाद ज्ञापन किया. इस मौके पर उक्त सदस्यों के साथ राजकुमार, अंजनी शर्मा, मनोज पांडेय, साथी सुरेश सूर्य, दिनेश तपन, मनीष गुंज, काव्यतीर्थ, ब्रह्मदेव लोकेश, सत्यम, देवेंद्र दिलवर, देवनारायण चोंच, गौतम सुमन, गौतम कुमार यादव, जयकरण सत्यार्थी, नवज्योति आदि उपस्थित थे.