साहित्य सृजन करना आज के दौर में चुनौती पूर्ण कार्य : डॉ किशोर

– हिंदी त्रैमासिक पत्रिका संभाव्य के तृतीय स्थापना दिवस का आयोजनवरीय संवाददाता, भागलपुर आकाशवाणी भागलपुर के सहायक केंद्र निदेशक डॉ किशोर कुमार सिन्हा ने कहा कि आज के दौर में साहित्य सृजन करना एक चुनौती पूर्ण कार्य है. साहित्य एक ऐसा सशक्त माध्यम है, जिससे देश व समाज की दशा व दिशा बदली जा सकती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 11, 2015 11:02 PM

– हिंदी त्रैमासिक पत्रिका संभाव्य के तृतीय स्थापना दिवस का आयोजनवरीय संवाददाता, भागलपुर आकाशवाणी भागलपुर के सहायक केंद्र निदेशक डॉ किशोर कुमार सिन्हा ने कहा कि आज के दौर में साहित्य सृजन करना एक चुनौती पूर्ण कार्य है. साहित्य एक ऐसा सशक्त माध्यम है, जिससे देश व समाज की दशा व दिशा बदली जा सकती है. वह रविवार को मोक्षदा इंटर स्कूल में आयोजित हिंदी त्रैमासिक पत्रिका संभाव्य के तृतीय स्थापना दिवस पर लोगों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोच लिये साहित्यकारों को ऐसी प्रमाण पूर्व रचना करनी चाहिए, जो मानव मूल्य की रक्षा करने में समर्थ हो. मुख्य अतिथि डॉ सुजाता चौधरी ने पत्रिका के विविध स्वरूपों की चर्चा करते हुए इस बात पर बल दिया कि इसमें ख्याति प्राप्त नामचीन साहित्यकारों की उत्कृष्ट रचनाओं का समावेश करना चाहिए, इससे पत्रिका का स्तर ऊंचा होने के साथ यह काफी हद तक प्रभावशाली होगी. उन्होंने रचनाकारों से आर्थिक सहयोग देने की भी अपील की. पत्रिका के पूर्व संपादक डॉ योगेंद्र ने कहा कि साहित्य की दुनिया एक अच्छी दुनिया है. इनका सौंदर्य अनूठा है. उन्होंने कहा कि साहित्य ही एक ऐसा सशक्त माध्यम है जिससे समाज की कुरीतियों के दायरे से बाहर जाकर विकास की पटरी पर लाया जा सकता है. मौके पर डॉ विजय कुमार सिन्हा, नरेश पांडेय चकोर, डॉ मीरा झा, डॉ सांत्वना साह, डॉ अशोक कुमार यादव, आमोद कुमार मिश्र, उमा कांत भारती, रामचंद्र घोष, पीएन जायसवाल, गिरिजा शंकर मोदी, हास्य व्यंगकार रामवतार राही, दिनेश तपन, डॉ जीपी सिंह, संजय कुमार, डॉ प्रेमचंद पांडेय, डॉ विद्या रानी, अंजनी कुमार शर्मा, डॉ महेंद्र मयंक, प्रसून ठाकुर, महेंद्र निशाकर आदि थे.

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