विश्व को भारतीय दर्शन से अवगत कराया था स्वामी जी ने

-‘सामाजिक संगठनो की दिशा व दशा’ पर आयोजित संगोष्ठी में बोले वक्तासंवाददाताभागलपुर : वर्तमान दौर में सांप्रदायिकता, हठधर्मिता, धर्मांधता व पाखंड हमारे मानवीय मूल्यों को प्रभावित कर रहे हैं. ऐसे में स्वामी विवेकानंद के विचार अधिक प्रासंगिक हो गये हैं. उक्त बातें टीएमबीयू के कुलपति प्रो(डॉ) रमा शंकर दूबे ने स्वामी विवेकानंद के 152वें जन्मदिन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 12, 2015 10:02 PM

-‘सामाजिक संगठनो की दिशा व दशा’ पर आयोजित संगोष्ठी में बोले वक्तासंवाददाताभागलपुर : वर्तमान दौर में सांप्रदायिकता, हठधर्मिता, धर्मांधता व पाखंड हमारे मानवीय मूल्यों को प्रभावित कर रहे हैं. ऐसे में स्वामी विवेकानंद के विचार अधिक प्रासंगिक हो गये हैं. उक्त बातें टीएमबीयू के कुलपति प्रो(डॉ) रमा शंकर दूबे ने स्वामी विवेकानंद के 152वें जन्मदिन पर आयोजित संगोष्ठी में कही. दिशा ग्रामीण विकास मंच, इस्टर्न बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन व संस्कृति के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को आयोजित ‘सामाजिक संगठनों की दिशा व दशा’ पर आयोजित संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि स्वामी जी ने विश्व को भारतीय दर्शन और वेदांत के सिद्धांतों से अवगत कराया था. गोष्ठी की अध्यक्षता मुकुटधारी अग्रवाल ने की. दिशा ग्रामीण विकास मंच के सचिव और कार्यक्रम के संयोजक मनोज पांडेय ने विषय प्रवेश करते हुए समाजसेवी संगठनों की समस्याओं पर चर्चा की. बिहार विश्वविद्यालय के पूर्व उप कुलपति डॉ इन्दु कुमार इन्दु ने अपने विचार रखें. भागलपुर आकाशवाणी के सहायक निदेशक डॉ किशोर सिन्हा ने विवेकानंद के विचारों को आत्मसात करने पर जोर दिया. वरिष्ठ अर्थशास्त्री डॉ आरडी शर्मा ने संस्कार और सेवा के लिए स्वामी जी के विचारों को सबसे उपयुक्त बताया. हिंदी लेखिका डॉ सुजाता चौधरी ने कहा कि सामाजिक संगठनों को प्रेम भाव से सेवा कार्य करने पर जोर दिया. गोष्ठी में सैय्यद हसन मानी, मनमोहन ठाकुर, डीके घोष, अजित कुमार सिंह, सुदीप सिंह आदि ने भी अपने विचार रखे. मौके पर डॉ अमरेंद्र गिरधर प्रसाद , सुधीर सिंह, प्रदीप झुनझुनवाला, विकास झा, राजकुमार, उषा सिन्हा, उलुपी झा, उत्तम देवनाथ, डॉ मुखेश कुमार सिन्हा, अनुपम कांतिपाल आदि मौजूद थे.

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