तपिश से गरमाया भागलपुर
भागलपुर : कड़ाके की सर्दी में पटना में गरमायी जदयू की राजनीति की तपिश यहां भी पहुंच गयी है. गरमायी राजनीति की जद में सूबे के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह भी हैं. श्री सिंह भागलपुर के प्रभारी मंत्री हैं और पड़ोस के जमुई जिले के रहने वाले हैं. इस लिहाज से उनके समर्थकों की भी […]
भागलपुर : कड़ाके की सर्दी में पटना में गरमायी जदयू की राजनीति की तपिश यहां भी पहुंच गयी है. गरमायी राजनीति की जद में सूबे के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह भी हैं. श्री सिंह भागलपुर के प्रभारी मंत्री हैं और पड़ोस के जमुई जिले के रहने वाले हैं.
इस लिहाज से उनके समर्थकों की भी यहां कमी नहीं. प्रदेश प्रवक्ता की नसीहत से उनके समर्थकों में उबाल है. बता दें कि मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के पूर्व सांसद साधु यादव के यहां जाकर दही- चूड़ा खाने पर जहां जदयू के एक प्रवक्ता नीरज सिंह ने उन्हें वहां नहीं जाने की नसीहत दे डाली, वहीं एक अन्य प्रवक्ता अजय आलोक ने मांझी कैबिनेट के तीन मंत्री नरेंद्र सिंह, वृशिण पटेल व नीतीश मिश्र से इस्तीफा मांग लिया.
अजय आलोक के बयान के बाद जदयू की राजनीति जहां और गरमा गयी है, वहीं चुनावी साल होने की वजह से हर स्तर के नेताओं की दिलचस्पी भी कुछ अधिक है. दूसरे दल के लोग भी मजा ले रहे हैं. इस लहर से भागलपुर भी वंचित नहीं. यहां भी पक्ष-विपक्ष में चर्चा आम हो गयी है. जिले की सात विधानसभा सीटों में से तीन सुलतानगंज, नाथनगर व गोपालपुर पर जदयू का कब्जा है. इस हलचल की लहर यहां भी है, कहीं ढके-छुपे तो कहीं खुलेआम.
पूछने पर सुलतानगंज के विधायक सुबोध राय ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया, जबकि गोपालपुर व नाथनगर के विधायक गोपाल मंडल व अजय मंडल ने खुल कर अपनी बात रखी. जनप्रतिनिधियों से इतर भी आम लोगों के बीच भी इस मुद्दे पर चर्चा आम है.