फोटो प्रतिनिधि,सबौर. मशरूम निरामिश भोजन करने वालों के लिए एक पौष्टिक व औषधीय रूप में प्रकृति प्रदत्त आहार है. इसका उत्पादन करना बिल्कु ल आसान है. ग्रामीण महिलाएं बिना जमीन के भी घर में औद्योगिक स्तर पर इसका उत्पादन कर सकतीं हैं. उक्त बातें बिहार कृषि विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक आरके सोहाने ने गुरुवार को केवीके में आयोजित पांच दिवसीय मशरूम प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर कहीं. प्रशिक्षण में पश्चिम चंपारण के 27 किसान शामिल हुए थे. उन्होंने कहा कि मशरूम स्वयं खाये और परिवार को खिलाने की आदत डाले. समूह में बृहत पैमाने पर उत्पादन करे और नियमित आय प्राप्त करे. मशरूम की मांग स्थानीय बाजारों में भी काफी है. उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र दिया. केवीके से इन लोगों को मशरूम स्पॉन भी दिया गया. मौके पर केवीके समन्वयक डॉ विनोद कुमार, वैज्ञानिक अनिता कुमारी, डॉ संतोष कुमार, रवि कुमार, रामचंद्र कुमार व किसान निर्मला देवी, बबीता देवी, शोभा देवी, सुशीला देवी, उषा देवी, रीता देवी आदि मौजूद थी.
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पश्चिम चंपारण के किसानों ने लिया मशरूम का प्रशिक्षण
फोटो प्रतिनिधि,सबौर. मशरूम निरामिश भोजन करने वालों के लिए एक पौष्टिक व औषधीय रूप में प्रकृति प्रदत्त आहार है. इसका उत्पादन करना बिल्कु ल आसान है. ग्रामीण महिलाएं बिना जमीन के भी घर में औद्योगिक स्तर पर इसका उत्पादन कर सकतीं हैं. उक्त बातें बिहार कृषि विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक आरके सोहाने ने गुरुवार […]
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