-भागलपुर ने 21वें पायदान से आगे बढ़ते हुए 12वें स्थान पर बनायी जगह-सहरसा अक्तूबर में भी सबसे पीछे खड़ा था, दिसंबर में भी नहीं बदली स्थिति -दिसंबर में सर्व शिक्षा व बालिका शिक्षा की योजनाओं पर खर्च करने के आंकड़ों से खुलासावरीय संवाददाता, भागलपुरवित्तीय वर्ष 2014-15 समाप्त होने में अब महज दो माह शेष रह गये हैं. लेकिन प्रारंभिक स्कूलों के विकास को लेकर सर्व शिक्षा अभियान व कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की विभिन्न योजनाओं पर खर्च करने में चालू वित्तीय वर्ष में बांका को छोड़ दें, तो अभी भी भागलपुर व इसके आसपास के जिले फिसड्डी ही दिख रहे हैं. गंभीर है स्थितिबांका नवंबर में पहले स्थान पर था और दिसंबर में भी पहले स्थान पर रहा. भागलपुर अक्तूबर में 21वें स्थान पर था और दिसंबर में वह 12वें पायदान पर पहुंच गया है. दूसरी ओर मुंगेर नवंबर के मुकाबले दिसंबर में पांचवें से आठवें स्थान पर पहुंच गया. सबसे बुरी स्थिति सहरसा की है, जो अक्तूबर में भी सबसे आखिर 38वें रैंक पर था और दिसंबर में भी इसी स्थान पर रहा.दिसंबर में टॉप पांच जिलेबांका01सीतामढ़ी02शेखपुरा03अररिया04नालंदा05………………………………….दिसंबर में ये रही स्थितिजिले -दिसंबर में रैंक बांका-01अररिया-04जमुई-06मुंगेर-08भागलपुर -12किशनगंज-14खगडि़या-15मधेपुरा -21लखीसराय-22पूर्णिया-24कटिहार-26सुपौल -36सहरसा -38
एसएसए व बालिका शिक्षा में बांका सबसे आगे
-भागलपुर ने 21वें पायदान से आगे बढ़ते हुए 12वें स्थान पर बनायी जगह-सहरसा अक्तूबर में भी सबसे पीछे खड़ा था, दिसंबर में भी नहीं बदली स्थिति -दिसंबर में सर्व शिक्षा व बालिका शिक्षा की योजनाओं पर खर्च करने के आंकड़ों से खुलासावरीय संवाददाता, भागलपुरवित्तीय वर्ष 2014-15 समाप्त होने में अब महज दो माह शेष रह […]
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