भागलपुर: गंडक से तीन लाख 53 हजार 63 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण भागलपुर और इसके आस-पास के क्षेत्रों में बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया है. पिछले तीन दिनों में 31 सेंटीमीटर तक जलस्तर तक बढ़ने से कई नये इलाके जलमग्न हो गये हैं. सैकड़ों एकड़ में लगी फसल डूब गयी है. प्रभावित क्षेत्रों के लोग सुरक्षित स्थान की तलाश में हैं. पशु चारा की किल्लत हो गयी है.
संभावित खतरे से बचने के लिए कई गावों के लोग रतजगा कर रहे हैं. बाढ़ की विभिषिका के कारण हजारों लोगों की जिंदगी नरक बन चुकी है. प्रशासनिक प्रयास नकाफी साबित हो रहा है. कई इलाकों में अभी तक राहत सामग्री पहुंच भी नहीं पायी है. लोग जान बचाने के लिए छत व छप्पर पर बैठ कर रात गुजार रहे हैं. कई ऐसे गांव भी हैं, जहां पानी के बीच में घर तो दिख रहा है, लेकिन वहां लोग नहीं हैं. वेलोग तटबंध व अन्य सुरक्षित ऊंचे स्थानों पर आश्रय लिये हुए हैं.
उधर, खरीक प्रखंड के राघोपुर में लगातार दूसरे दिन ब्रrा बाबा स्थान के पास सौ मीटर तक फौजदारी बांध ध्वस्त हो गया. इससे राघोपुर के सुरक्षित माने जाने वाले इलाकों में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. इसकी वजह से राघोपुर का 1102 अधिक परिवार प्रभावित हो गया है. कहलगांव में गंगा का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. सैकड़ों एकड़ खेत में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. लोग सुरक्षित स्थान की तलाश में पलायन करने लगे हैं. सबौर प्रखंड की 14 पंचायतों की लगभग 50 हजार आबादी बाढ़ व कटाव की चपेट में आ गयी है. बरारी, जियाउद्दीनपुर चौका, बाबूपुर, रजंदीपुर, संतनगर, मोदीपुर दियरा, घोषपुर, ममलखा, इंगलिश, डीपीएस, इंजीनियरिंग कॉलेज, शंकरपुर का दियरा क्षेत्र, अठगामा सहित तकरीबन दर्जन भर गांव इसकी जद में आ गये हैं.
घोघा स्थित कोदवार से प्रशस्तडीह के लिए निर्माणाधीन सड़क भी पानी में डूब गयी है. दोनों गांवों का संपर्क टूट गया है. इस्माइलपुर से बिंद टोली के बीच सैदपुर पंचायत के वीरनगर व बुद्धूचक गांव के निकट 79 लाख रुपये की लागत से बना स्पर रविवार रात लगभग दो बजे नोज सहित 50 मीटर डाउन स्ट्रीम गंगा में विलीन हो गया. पीरपैंती में बाढ़ से हजारों एकड़ में लगी मकई व मिर्च की फसल डूब गयी है. मकई में दाने लगने लगे थे और मिर्च में भी फल लग गये थे. बिहपुर प्रखंड के लत्तीपुर से नरकटिया, सोनवर्षा, रामनगर होते हुए नारायणपुर तक फैले जमींदारी गंगा तटबंध पर पानी का दबाव बढ़ने लगा है. गंगा दियारा के हजारों एकड़ खेत में लगी भदई मकई की फसल डूब गयी है.