चर्चित टाडा केस : बचाव पक्ष की बहस पूरी
भागलपुर: जिला व सत्र न्यायाधीश एवं टाडा मामलों के विशेष न्यायाधीश अरविंद माधव की कोर्ट में बचाव पक्ष ने पुलिस के टाडा केस को झूठा करार देते हुए बहस में भाग लिया. मामले में बुधवार को बचाव पक्ष की बहस पूरी हो गयी. अब गुरुवार को केस के कानूनी बिंदुओं को लेकर बहस की जायेगी. […]
भागलपुर: जिला व सत्र न्यायाधीश एवं टाडा मामलों के विशेष न्यायाधीश अरविंद माधव की कोर्ट में बचाव पक्ष ने पुलिस के टाडा केस को झूठा करार देते हुए बहस में भाग लिया. मामले में बुधवार को बचाव पक्ष की बहस पूरी हो गयी. अब गुरुवार को केस के कानूनी बिंदुओं को लेकर बहस की जायेगी.
मोजाहिदपुर थाना द्वारा दर्ज चर्चित टाडा केस मामले को लेकर बचाव पक्ष से अधिवक्ता इस्माइल व गुड्डू एवं सरकार की ओर से लोक अभियोजक सत्यनारायण शाह, अपर लोक अभियोजक विजय कुमार सिंह व वकील पुरुषोत्तम कुमार ने बहस की. बचाव पक्ष के अधिवक्ता इस्माइल व गुड्डू ने आरोपी मो सउद आलम व लाल मोहम्मद उर्फ लाल बाबू की तरफ से गवाहों के बयान करवाये. इसमें उन्होंने अदालत के सामने पुलिस के पूरे केस को सोची समझी रणनीति बतायी.
बहस में मुख्य रूप से बचाव पक्ष ने पुलिस के केस को झूठा करार करने पर बहस की. वहीं सरकार की ओर से लोक अभियोजकों ने भी पुलिस केस पर उठाये गये सवालों पर जिरह की. अब गुरुवार को मामले में अब तक की हुई बहस के बाद तमाम कानूनी बिंदुओं पर बहस की जायेगी.
तीन आरोपियों को लेकर हो रही सुनवाई
मोजाहीदपुर थाना के ललन सिंह ने 13 नवंबर 1993 को कई दिनों से फरार मो सलाउद्दीन की तलाश में उसके घर पर छापा मारा था. इस छापेमारी में उसके घर में विस्फोटक पदार्थ पकड़े गये थे. पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के बाद उसकी शिनाख्त में अन्य जगहों पर भी छापेमारी की. इसके बाद पाकिस्तानी एजेंसी आइएसआइ के सक्रिय एजेंट व उसके गिरोह का भंडाफोड़ हुआ था. बाद में पुलिस ने मामले में दस लोगों को आरोपी बनाया था. इनके खिलाफ टाडा एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था. केस की सुनवाई की प्रक्रिया के दौरान दस आरोपी में से सात जीवित नहीं हैं. तीन आरोपी मो सरफ उर्फ गुलाम कादीर, मो सउद आलम व लाल मोहम्मद उर्फ लाल बाबू के खिलाफ कोर्ट में सुनवाई की जा रही है.