जिसने दिया एनओसी, उसी ने गिराया घर

कार्रवाई : दूसरे दिन भी अतिक्रमणकारियों के घरों पर चला बुलडोजर भागलपुर : मेडिकल कॉलेज की अतिक्रमित जमीन पर दूसरे दिन शुक्रवार को भी प्रशासन का बुलडोजर चला और सौ से अधिक घरों को तोड़ दिया गया. इसमें जवारीपुर स्थित कारू चौधरी के मकान व हथिया नाला के पास बसे अतिक्रमणकारियों को खाली कराया गया. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 7, 2015 10:45 AM
कार्रवाई : दूसरे दिन भी अतिक्रमणकारियों के घरों पर चला बुलडोजर
भागलपुर : मेडिकल कॉलेज की अतिक्रमित जमीन पर दूसरे दिन शुक्रवार को भी प्रशासन का बुलडोजर चला और सौ से अधिक घरों को तोड़ दिया गया. इसमें जवारीपुर स्थित कारू चौधरी के मकान व हथिया नाला के पास बसे अतिक्रमणकारियों को खाली कराया गया. इस दौरान जवारीपुर में कारू चौधरी से जमीन खरीदने वाले चिकित्सक के समर्थक व जगदीशपुर सीओ के बीच विवाद हो गया. दोनों के बीच करीब दस मिनट तक तू-तू मैं-मैं होने के बाद पुलिस ने कमान संभाली तब समर्थक वहां से भागे. इसके बाद जेसीबी से मकान तोड़ा गया.
मौके पर सदर एसडीओ सुनील कुमार, सिटी एएसपी वीणा कुमारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता सुबीर रंजन, जगदीशपुर सीओ नवीन भूषण, नाथनगर सीओ तरुण केसरी, जेएलएनएमसीएच के प्राचार्य डॉ अजरुन कुमार सिंह, अधीक्षक डॉ आरसी मंडल समेत चार थाने की पुलिस व अगिAशमन विभाग के जवान व अन्य मौजूद थे.
कोर्ट में घसीटेंगे, सीओ के चलते हुआ नुकसान. जवारीपुर स्थित कारू चौधरी से झारखंड (साहेबगंज) के फिजियोथेरेपिस्ट डॉ राजीव कुमार ने 1440 स्क्वायर फीट जमीन 24 लाख रुपये में 2011 में खरीदी थी. चिकित्सक ने मौके पर जगदीशपुर सीओ नवीन भूषण से कहा कि हम आपको नहीं छोड़ेंगे. हाई कोर्ट में आपके खिलाफ मुकदमा करेंगे और कोर्ट के माध्यम से एक करोड़ का मुआवजा लेंगे. उनका कहना है कि जगदीशपुर सीओ ने 21 मई 2014 को अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया है.
ऐसे में घर तोड़ने के लिए वे खुद कैसे आ गये. अगर जमीन अतिक्रमित थी, तो एनओसी नहीं देनी चाहिए थी. हम घर बनाने में बीस लाख रुपये नहीं खर्च करते और जमीन मालिक से अपना पैसा वापस मांग लेते. इसी जमीन के पेपर के माध्यम से हमने बैंक से लोन के लिए भी आवेदन दिया था. वहां भी पास हो गया था, पर पैसे की आवश्यकता नहीं पड़ी इसलिए लोन नहीं लिये. कुल मिला कर मकान बनाने में अब तक 20 लाख और जमीन में 24 लाख खर्च हो चुके हैं. दोनों को मिला कर 44 लाख रुपये खर्च हुए हैं. हमारे खून-पसीने से कमाया हुआ पैसा है. उसे पानी में नहीं जाने देंगे. चिकित्सक ने बताया कि इसकी शिकायत करने के लिए डीएम के पास भी गये थे पर उन्होंने मिलने से मना कर दिया.
और चिकित्सक का घर नहीं तोड़ सकी जेसीबी. शुक्रवार को भी कारू चौधरी के घर के बगल में चिकित्सक द्वारा बनाये गये मकान को जेसीबी पूरी तरह से नहीं तोड़ सकी. जेसीबी चालक ने बताया कि मकान इतना मजबूत है कि टूटता ही नहीं है. चूंकि दो मंजिला घर है और नीचे से तोड़ने पर अचानक गिर जायेगा तो जान-माल का नुकसान हो सकता है. इसलिए परेशानी हो रही है. करीब आधे घंटे तक लगातार दीवार पर चोट करने के बाद दीवार को तोड़ा गया. इधर कारू चौधरी के परिवार के सदस्य व स्थानीय लोग दिन भर जमे रहे और प्रशासन का विरोध करते रहे.

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