घटना 11 फरवरी की है. पीड़ित ठेकेदार ने घटना की लिखित जानकारी तिलकामांझी थाने में दी, लेकिन थाने में एफआइआर दर्ज नहीं कर आवेदन को एससी-एसटी थाना भेज दिया गया. वहां भी बैजनाथ के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी और उसे एसएसपी ऑफिस भेज दिया.
पिछले चार दिनों से बैजनाथ आवेदन लेकर तिलकामांझी थाना, एससी-एसटी थाना और एसएसपी ऑफिस का चक्कर लगा रहा है, लेकिन उसका एफआइआर दर्ज नहीं हुआ. आवेदन में बैजनाथ ने जिक्र किया है कि पीडब्ल्यूडी कार्यालय में पहले से मौजूद जयकांत यादव, मनोज यादव, अमरेंद्र सिंह ने मारपीट और जाति लगा कर गाली दी. साथ ही धमकी दी कि ठेकेदारी करने आये, तो जान मार देंगे. मामला ठेकेदारी विवाद से जुड़ा हुआ बताया जाता है.