भागलपुर: जिले में गंगा उफान पर है. एक के बाद एक बांध ध्वस्त हो रहे हैं. स्परों व स्लुइस गेट पर दबाव बढ़ रहा है. इससे पहले जमीनदारी बांध दो जगहों पर टूट चुका है. चार से अधिक स्पर धंसान की चपेट में आ चुके हैं. कई जगहों पर भीषण कटाव जारी है. इसके कारण बाढ़ का पानी कई गांवों में प्रवेश कर चुका है. कई गांवों के लोग तात्रिमाम कर रहे हैं.
बाढ़ के कारण खरीक, गोपालपुर, नाथनगर, सबौर आदि प्रखंडों के हजारों परिवार बेघर होकर ऊंचे स्थान, सरकारी भवन व रोड के किनारे शरण लेने को विवश हैं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी उन्हें राहत देने के बजाय उनका सर्वे ही करवा रहे हैं.
प्रशासन की ओर से अब तक केवल खरीक प्रखंड में ही बाढ़ राहत सामग्री का वितरण किया गया है. यदि इसी तरह से प्रशासन केवल सूची ही बनाता रहेगा, तो बाढ़ बीतने के बाद ही राहत सामग्री किसी को मिल पायेगी. तब तक बाढ़ पीड़ित ऐसे ही भूखे-प्यासे, खुले आसमान के नीचे जिंदगी बचाने की जद्दोजहद करेंगे. प्रशासन के इस रवैये से बाढ़ पीड़ितों के बीच रोष है. लोगों का कहना है कि अब तक कोई स्वयंसेवी संगठन भी बाढ़ पीड़ितों की मदद को आगे नहीं आया.
इधर बांध की सुरक्षा व कटाव निरोधी कार्य भी प्रशासन के हाथ से निकलता दिख रहा है. कई अधिकारी निरीक्षण के लिए आते हैं और निर्देश देकर चले जाते हैं. धरातल पर काम नहीं के बराबर हो पा रहा है. हालत यह है कि अकबरनगर में बाढ़ के विकराल रूप को देख श्रीरामपुर रिंग बांध की सुरक्षा के लिए आसपास के सैकड़ों ग्रामीणों ने जनसहयोग से कार्य किया. ग्रामीणों ने बताया कि श्रीरामपुर रिंग बांध यदि टूट गया तो दर्जनों गांवों में पानी प्रवेश कर जायेगा. इसी तरह खरीक, गोपालपुर, नाथनगर, सबौर आदि क्षेत्रों के ग्रामीण भी अपने बलबूते ही बाढ़ की विभीषिका से निबटने की जुगत लगा रहे हैं.
गंगा का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर
इधर, नाथनगर दियारा क्षेत्र में बाढ़ ने अब विकराल रूप धारण कर लिया है. इलाके में गंगा का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. अब तक जो लोग बाढ़ ग्रस्त इलाके के बांध, सड़क व ऊंचे स्थल पर माल मवेशी के साथ ठहरे थे, वे मंगलवार शाम से ही शहर के ऊंचे स्थल की ओर पलायन करने लगे हैं. बुधवार को भी बड़ी संख्या में लोगों का पलायन जारी था. सैकड़ों बाढ़ पीड़ित परिवार गाय-भैंस के साथ महाशय ड्योढ़ी, इवनिंग कॉलेज आदि जगहों पर शरण लिये हुए हैं. नारायणपुर प्रखंड अंतर्गत सिंहपुर पश्चिम पंचायत के नवटोलिया गनौल तटबंध के दक्षिणी भाग में लगभग सौ घर में गंगा का पानी प्रवेश कर गया है.