पूर्ण थाना का दर्जा नहीं, इसलिए संसाधन की कमी
– हाल आदमपुर-तिलकामांझी थाने कासंवाददाता, भागलपुर आदमपुर और तिलकामांझी थानेदार को पूर्ण थाना का दर्जा नहीं प्राप्त है. इस कारण वहां विभाग की ओर से संसाधन और मैन पावर की भी कमी है. अलबत्ता आपराधिक घटनाएं बढ़ती जा रही है. विभाग ने दोनों थाने के अपग्रेडेशन की योजना बनायी है. इसका प्रस्ताव तैयार कर मुख्यालय […]
– हाल आदमपुर-तिलकामांझी थाने कासंवाददाता, भागलपुर आदमपुर और तिलकामांझी थानेदार को पूर्ण थाना का दर्जा नहीं प्राप्त है. इस कारण वहां विभाग की ओर से संसाधन और मैन पावर की भी कमी है. अलबत्ता आपराधिक घटनाएं बढ़ती जा रही है. विभाग ने दोनों थाने के अपग्रेडेशन की योजना बनायी है. इसका प्रस्ताव तैयार कर मुख्यालय को भी भेजा गया है. दोनों थाना फिलहाल ओपी है. इनका पैरेंट्स पुलिस स्टेशन कोतवाली है. कांड होने पर मामला कोतवाली थाना में ही दर्ज होता है. दोनों थाने में अफसर और पुलिसकर्मियों की कमी है. आबादी के अनुरूप थाना में संसाधन भी नहीं है. आलम यह है कि आदमपुर थाना में हाजत तक नहीं है. अपराधी के गिरफ्तार होने पर उसे थाना सिरिस्ता या कोतवाली में रखा जाता है. तिलकामांझी थाना का भी हाल ऐसा ही है. दो अफसरों को छोड़ बाकी अफसर उम्रदराज हैं. इन्हीं दोनों थाने मंे सर्वाधिक चोरी, छिनतई, लूट की घटनाएं होती है. आदमपुर में लगातार लूट की वारदात हो रही है. पुलिस इसका उद्भेदन भी कर रही है, लेकिन घटनाएं नहीं रुक रही हैं. रोज नये-नये गैंग वारदात को अंजाम दे रहे हैं. तिलकामांझी में बाइक चोरी और गृहभेदन की घटनाएं हो रही हैं. दो-दो चार पहिया वाहन की चोरी इसी थाना क्षेत्र से हो गयी थी. तिलकामांझी थाना मात्र एक टाइगर मोबाइल के भरोसे चल रहा है, जबकि आदमपुर में दो टाइगर मोबाइल है.