नहीं मिला ठेकेदार, फंसी करोड़ों की योजना

भागलपुर: एनएच विभाग को ठेकेदार नहीं मिल रहा है, जिससे करोड़ों की योजना फंसी है और शहर का विकास नहीं हो रहा है. रमजानीपुर से पीरपैंती के बीच 8.60 करोड़ से 14 किमी लंबी सड़क के निर्माण की योजना वर्ष 2011 में बनी थी और निर्माण 2012 में शुरू हुआ था. इसे साल भर में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 3, 2015 8:17 AM

भागलपुर: एनएच विभाग को ठेकेदार नहीं मिल रहा है, जिससे करोड़ों की योजना फंसी है और शहर का विकास नहीं हो रहा है. रमजानीपुर से पीरपैंती के बीच 8.60 करोड़ से 14 किमी लंबी सड़क के निर्माण की योजना वर्ष 2011 में बनी थी और निर्माण 2012 में शुरू हुआ था. इसे साल भर में पूरा होना था, लेकिन ठेकेदार (एस एंड पी इंफ्रास्ट्रर कंपनी) काम छोड़ कर फरार हो गया. उसके बाद से सड़क निर्माण के लिए विभाग को अबतक ठेकेदार नहीं मिला है. भैना और चंपा पुल के ठेकेदार रुंगटा इंटरप्राइजेज और सत्य साईं कंस्ट्रक्शन ने वर्ष 2012 में काम छोड़ दिया. इसके बाद टेंडर निकाला गया.

टेंडर दो चरणों में तीन और 10 फरवरी को था. चंपा पुल के पहले चरण के टेंडर में कोई ठेकेदार आगे नहीं आया. भैना पुल के लिए विजय घाट और सुलतानगंज में अगुवानी गंगा ब्रिज निर्माण करनेवाली कंस्ट्रक्शन कंपनी एसपी सिंगला ने टेंडर डाला. सिंगल टेंडर के कारण टेंडर रद्द करना पड़ा. बाइपास की का टेंडर वर्ष 2013 में निकाला गया. ठेकेदार ने टेंडर डाला. टेंडर को लेकर ठेकेदार के बीच आपसी विवाद में योजना फंस गयी. इसके बाद फिर से 23 फरवरी को टेंडर निकाला गया. टेंडर दो चरण में होना था. पहले चरण का टेंडर 11 फरवरी, तो दूसरे चरण का टेंडर 23 फरवरी निर्धारित की गयी. ठेकेदार ने टेंडर नहीं डाला और टेंडर रद्द हो गया. कुल मिला कर स्थिति यह है कि राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल, भागलपुर को ठेकेदार नहीं मिल रहा है.

263 करोड़ की फंसी है योजना : ठेकेदार नहीं मिलने से तकरीबन 263 करोड़ की योजना लंबे समय से फंसी है. बाइपास की योजना को 14 साल, चंपा और भैना पुल को छह साल व रमजानीपुर से पीरपैंती के बीच सड़क निर्माण की योजना को चार साल पूरा हो चुका है.

35 करोड़ का प्राक्कलन धूल फांक रहा है मंत्रालय में : रमजानीपुर से पीरपैंती के बीच 14 किमी लंबी सड़क के लिए फिर से प्राक्कलन तैयार कर स्वीकृति के लिए मंत्रालय भेजा गया है. योजना 35 करोड़ की है और नये सिरे से सड़क बनानी है, लेकिन अबतक प्राक्कलन को स्वीकृति नहीं मिल सकी है. एनएच-80 मेंटेनेंस के अभाव में करोड़ की सड़क बरबाद : मेंटेनेंस के अभाव में लोहिया पुल से इंजीनियरिंग कॉलेज के बीच सात किमी लंबी सड़क बरबाद होने के कगार पर पहुंच गयी है. यह सड़क करीब 10 करोड़ खर्च से पिछले साल अक्तूबर में बनी है. विभागीय इंजीनियर की लापरवाही के कारण ठेकेदार ने अपनी मरजी से निर्माण कराया. नतीजा गुणवत्तापूर्ण सड़क नहीं बन सकी और साल भर में ही उखड़ने लगी. एक तरफ से निर्माण हो रहा था, तो दूसरी ओर साथ-साथ मरम्मत का भी काम चल रहा था. वर्तमान में अलकतरा की सड़क गड्ढों में तब्दील है. पैचअप का काम कराया गया था, लेकिन वह भी उखड़ चुका है. सबसे ज्यादा जेल रोड में सड़क खराब है. इस मार्ग पर पीसीसी भी बना है, ऊपरी परत का र्छी निकलने से सड़क खराब हो चुकी है.

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