दक्षिणी क्षेत्र में बिजली-पानी के लिए हाहाकार

भागलपुर: शहर के दक्षिणी इलाके में घोर बिजली संकट है. बिजली की बदहाल आपूर्ति से हाहाकार मचा है. उपभोक्ता विद्युत इंजीनियरों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. क्योंकि पिछले सप्ताह से चार घंटे पर आधा घंटा से ज्यादा बिजली नहीं मिल रही है. इलाके को 24 घंटे पर करीब तीन घंटे ही बिजली आपूर्ति हो रही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 13, 2013 9:17 AM

भागलपुर: शहर के दक्षिणी इलाके में घोर बिजली संकट है. बिजली की बदहाल आपूर्ति से हाहाकार मचा है. उपभोक्ता विद्युत इंजीनियरों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. क्योंकि पिछले सप्ताह से चार घंटे पर आधा घंटा से ज्यादा बिजली नहीं मिल रही है. इलाके को 24 घंटे पर करीब तीन घंटे ही बिजली आपूर्ति हो रही है. इससे लोगों का जीना दुश्वार हो गया है. इलाके के डेढ़ लाख से ज्यादा आबादी के बीच बिजली – पानी का संकट गहराया है. बिजली कटौती का हाल यह है कि पीने लायक पानी भी मयस्सर नहीं हो पा रहा है.

सुबह स्नान व खाना बनाने लायक भी उन्हें पानी नहीं मिल रहा है. इसे दूर करने वाले जिम्मेदार इंजीनियर गया से नया 10 एमबीए का पावर ट्रांसफारमर मंगा कर भी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं. तीन दिन बाद भी जले ट्रांसफारमर के स्थान पर नहीं लगाया जा सका है. पावर ट्रांसफारमर लगाने को लेकर इंजीनियर गंभीर नहीं है. बिजली संकट से जूझ रहे परिवारों के प्रति जिला प्रशासन भी सुध नहीं ले रहा हैं.

इंजीनियरों की गुत्थी में उलझा दक्षिणी क्षेत्र
गया से मंगाया गया पावर ट्रांसफारमर लगे या न लगे, लेकिन दक्षिणी शहर की बिजली आपूर्ति में थोड़ी-बहुत सुधार हो सकती है, लेकिन सुपरिटेंडेंट इंजीनियर के निर्देश नहीं मिलने से यह संभव नहीं हो पा रहा है. पांच-पांच एमबीए के दो पावर ट्रांसफारमर से बारी-बारी से दक्षिणी शहर की बिजली आपूर्ति कर मेंटेन किया जा सकता है, लेकिन कनेक्शन करने का निर्देश नहीं मिलने के कारण एक पांच एमबीए के पावर ट्रांसफारमर से केवल हबीबपुर को एवं दूसरे पांच एमबीए के पावर ट्रांसफारमर से मिरजानहाट, विक्रमशिला व पटल बाबू फीडर को बिजली आपूर्ति की जा रही है. सुपरिटेंडेंट इंजीनियर ने बताया कि विद्युत कार्यपालक अभियंता ग्रामीण को कोई निर्देश नहीं दे सकते हैं.

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