नीतीश कुमार अच्छे लेकिन साहब लोग ध्यान नहीं देते!
गोपालपुर: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गोपालपुर प्रखंड के आदर्श ग्राम धरहरा में वर्ष 2010, 11, 12 और 13 में विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर बेटी के जन्मदिन पर आम का पेड़ लगा कर धरहरा को विश्व मानचित्र पर स्थापित किया. वर्ष 2014 में भागलपुर जिला प्रशासन ने इस मौके पर पौधरोपण कर परंपरा को […]
वर्ष 2014 में भागलपुर जिला प्रशासन ने इस मौके पर पौधरोपण कर परंपरा को बरकरार रखा, लेकिन लगातार चार बार सूबे के मुखिया के आने से धरहरा ग्रामवासी अपने को गौरवान्वित महसूस करते हैं. वहीं उनके निर्देश के बावजूद धरहरा का अपेक्षित विकास नहीं होने से प्रशासनिक पदाधिकारियों को जम कर कोसते भी है. ग्रामीणों की मानें तो धरहरा के सर्वागीण विकास के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 16 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया था. इनमें अधिकांश मांगों पर कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया.
स्वास्थ्य सेवा के लिए छह बेड का अस्पताल, शुद्ध पेय जल के लिए जल मीनार, पशु चिकित्सालय, ग्राम कचहरी सहित प्रमुख मांग आज भी फाइलों में ही है. गांव में सिर्फ तीन किलोमीटर सड़क का निर्माण हुआ, जो कि अपना अस्तित्व खोने को है. बिजली के पोल जरूर गाड़े गये हैं.
वर्ष 2013 में मुन्नी देवी और प्रमोद सिंह को मुख्यमंत्री ने बीपीएल सूची में नाम दर्ज कर तीन दिन के अंदर इंदिरा आवास तथा मुन्नी देवी को आंगनबाड़ी में नौकरी देने का आश्वासन दिया था. लेकिन आज तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हुआ. नौ अप्रैल को समुचित इलाज के अभाव में डायरिया से रानी की मौत हो गयी. 25 फरवरी 2015 को पुन: नीतीश कुमार के मुख्य मंत्री पद की शपथ लेने के दूसरे दिन 26 फरवरी को भागलपुर से अधिकारियों की टीम धरहरा आयी और मुन्नी तथा प्रमोद का फोटो खींच कर यह कह कर ले गये कि मुख्य मंत्री जी ने भेजा है. मुन्नी देवी ने बताया कि प्रशासन द्वारा किसी तरह का सहयोग नहीं मिल रहा है. ब्याज पर रुपये लेकर घर पर दुकान चला गृहस्थी चला रही हूं. पति प्रमोद सिंह मजदूरी करते हैं. प्रमोद ने बताया कि दरवाजे पर बेटी के जन्म पर पेड़ लगाने के लिए होनेवाले कार्यक्रम के लिए 15 हजार रुपये ब्याज पर लिया था. इसमें पांच हजार लौटा दिये हैं. यदि मुख्यमंत्री फिर दरवाजे पर आयेंगे, तो स्वागत में कसर नहीं छोड़ूंगा.