बीडीओ करता है गाली-गलौज
भागलपुर: नाथनगर प्रखंड कार्यालय की लिपिक पूनम कुमारी ने गुरुवार को डीएम के जनता दरबार में आवेदन देकर प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) पर गाली-गलौज करने का आरोप लगाया है. डीएम को दिये अपने आवेदन में उन्होंने बताया कि बुधवार को करीब 12:30 बजे वह कार्यालय में वृद्धा पेंशन का काम कर रही थी. इसी बीच […]
इसी बीच बीडीओ ने उसे अपने कक्ष में बुलाया. वह बीडीओ के कक्ष में गयी तो उन्होंने भद्दी-भद्दी गालियां देते हुए उस पर वृद्धा पेंशन में एक हजार रुपये घूस लेने व अपने पास दलाल को बैठाने का आरोप लगाया. जब उसने इस बात को साबित करने की बात कही तो बीडीओ ने उससे कहा कि वह अपनी सैलरी का आधा पैसा अपने तलाकशुदा पति को दे. उन्होंने इंसाफ की गुहार लगायी है. गुरुवार को जनता दरबार में कुल 99 आवेदन प्राप्त हुए. इनमें डीसीएलआर कहलगांव से संबंधित आठ, डीसीएलआर नवगछिया के छह व डीसीएलआर सदर के 14 मामलों के अलावा विद्युत विभाग से संबंधित सात, पंचायती राज के चार व आंगनबाड़ी से संबंधित छह आवेदन शामिल हैं. डीएम ने सभी आवेदनों को संबंधित पदाधिकारी के पास अग्रसारित कर दिया है.
जनता दरबार में डीडीसी डॉ चंद्रशेखर सिंह, अपर समाहर्ता हरिशंकर प्रसाद, अपर समाहर्ता विभागीय जांच श्यामल किशोर पाठक सहित विभिन्न विभागों के जिलास्तरीय पदाधिकारी उपस्थित थे.
छह फरवरी को उसने अपने मोबाइल से दिये गये नंबर पर फोन कर जवाब दिया था. इसके अगले दिन सुबह उसे एक मोबाइल नंबर (7250413254) से फोन कर सूचना दी गयी वह विजेता है और उसे इनाम में टाटा सफारी मिली है. साथ ही उसे निर्देश दिया गया कि वह गाड़ी का रजिस्ट्रेशन शुल्क 25 हजार रुपये किसी अनिल कुमार के एसबीआइ बैंक अकाउंट (34412186850) में जमा करा दे, नहीं को इनाम रुक जायेगा. उसने रकम जमा कर दिया. फिर शाम को एक दूसरे नंबर (7837662601) से फोन आया. फोन करने वाला खुद को चेहरा पहचानो का जीएम बताते हुए कहा कि वह टाटा सफारी या उसके बदले में 12.60 लाख रुपये नगद ले सकते हैं.
उसने नगद राशि देने की बात कही. उसे दो दिन के बाद फिर एक अन्य नंबर (07759830663) से फोन आया और उसने खुद को बैंक अधिकारी बताते हुए कहा कि उसके पास चेक आ गया है. उसने बैंक खाता नंबर व पैन कार्ड नंबर भी मांगते हुए टीडीएस की राशि 25-25 हजार रुपये दो पार्ट में दो दिन के अंदर देने को कहा. इसके लिए उसने बैंक ऑफ इंडिया का दो खाता नंबर भी दिया. किसी प्रकार कर्ज लेकर उसने यह रकम भी जमा कर दिया. दो दिन बाद जब उसने उक्त नंबर पर फोन किया तो उसे जवाब मिला कि उसने ठगी का लाइसेंस लिया है और प्रतिदिन बिहार से पांच लाख रुपये ज्यादा लूटता हूं. मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है. उसने मामले की जांच करते हुए उक्त ठगों पर कार्रवाई की मांग की है. डीएम ने आवेदन पर संज्ञान लेते हुए तत्काल इसे एसएसपी के पास भिजवा दिया है.