छात्र संगठनों की अभद्रता पर शिक्षक समुदाय दुखी

भागलपुर: सीनेट हॉल में शुक्रवार को आयोजित विचार-गोष्ठी में कुलपति व प्रतिकुलपति की मौजूदगी में उछाली गयी कुरसी की घटना के खिलाफ शिक्षक समुदाय उग्र हो गया है. छात्र संगठनों को शिक्षक समुदाय ने कहा है कि वे जनतांत्रिक प्रक्रिया के तहत अपनी बातों को रखें. चेतावनी दी है कि अगर दोबारा अभद्रता से पेश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 15, 2015 9:58 AM
भागलपुर: सीनेट हॉल में शुक्रवार को आयोजित विचार-गोष्ठी में कुलपति व प्रतिकुलपति की मौजूदगी में उछाली गयी कुरसी की घटना के खिलाफ शिक्षक समुदाय उग्र हो गया है.

छात्र संगठनों को शिक्षक समुदाय ने कहा है कि वे जनतांत्रिक प्रक्रिया के तहत अपनी बातों को रखें. चेतावनी दी है कि अगर दोबारा अभद्रता से पेश आये, तो खुद पठन-पाठन ठप करा धरना पर बैठ जायेंगे. शनिवार को स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विभाग में बैठक करने के बाद शिक्षकों ने तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रमा शंकर दुबे व प्रतिकुलपति प्रो एके राय से मुलाकात की.

शिक्षकों ने विवि प्रशासन को सहयोग करने और स्वस्थ वातावरण के निर्माण में एकजुट होकर काम करने का आश्वासन दिया. इससे पूर्व मनोविज्ञान विभाग में आयोजित आमसभा की अध्यक्षता डॉ रत्ना मुखर्जी ने की. उक्त घटना की शिक्षकों ने निंदा की. कुलपति को लालबाग स्थिति आवास में बंधक बनाने की घटना की भी निंदा की गयी. शिक्षकों ने छात्र संगठनों से अपील की कि वे विश्वविद्यालय में स्वस्थ व बेहतर माहौल बनाने में सही दिशा में चलने में अपनी भूमिका का निर्वहन करे. दोबारा इस तरह की घटना होने पर सभी शिक्षक संघ एक साथ घटना के विरोध में उतर जायेंगे. शिक्षकों का कहना था कि अधिकतर पेंडिंग रिजल्ट के मामले वर्तमान कुलपति के कार्यकाल में सुधर चुके हैं.

पार्ट वन का रिजल्ट प्रकाशित हो चुका है. परीक्षाएं समय पर ली जा रही हैं. बावजूद इसके इस तरह के कदम निंदनीय है. मौके पर भुस्टा के महासचिव डॉ शंभु प्रसाद सिंह, यूडीटीए के अध्यक्ष डॉ श्रीभगवान सिंह, डॉ प्रभात कुमार राय, डॉ दयानंद राय, डॉ रियाज अहमद अंसारी, डॉ निशा झा, डॉ बालानंद सिन्हा, डॉ रेखा सिन्हा, डॉ रेणु रानी जायसवाल, डॉ अमिता मोइत्र, डॉ किरण सिंह, डॉ विद्या रानी, डॉ विजय बिहारी लाल, डॉ रुखसाना नसर, डॉ चंद्रभूषण प्रसाद सिंह, डॉ उमेश प्रसाद सिंह, डॉ बीरेंद्र कुमार, डॉ रश्मि प्रकाश, डॉ आनंद शंकर सहाय, डॉ प्रेम प्रभाकर, सिंडिकेट सदस्य डॉ अरुण कुमार सिंह, डॉ पीके सिन्हा, डॉ इंद्र कुमार सिंह, डॉ रवि शंकर, डॉ राजीव कुमार सिंह, डॉ एमएसएच जॉन आदि मौजूद थे.

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