अपनी वाणी में अमृत घोल, राधे-राधे बोल…

-मंदरोजा में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का समापनफोटो नंबर :संवाददाता,भागलपुरअपनी वाणी में अमृत घोल, राधे-राधे बोल…उक्त भजन गाकर वृंदावन से पधारे बाल व्यास अमनदेव महाराज ने जब गाया तो कथा प्रशाल में बैठे अधिकांश श्रद्धालु उठ कर नाचने लगे. मौका था सोमवार को मंदरोजा चौक पर केशव प्रेरणा बाल परिवार एवं श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान समिति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 16, 2015 9:03 PM

-मंदरोजा में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का समापनफोटो नंबर :संवाददाता,भागलपुरअपनी वाणी में अमृत घोल, राधे-राधे बोल…उक्त भजन गाकर वृंदावन से पधारे बाल व्यास अमनदेव महाराज ने जब गाया तो कथा प्रशाल में बैठे अधिकांश श्रद्धालु उठ कर नाचने लगे. मौका था सोमवार को मंदरोजा चौक पर केशव प्रेरणा बाल परिवार एवं श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान समिति की ओर से आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के समापन का. उन्होंने सुदामा चरित पर प्रवचन करते हुए कहा कि ईश्वर की भक्ति के लिए लोगों को एकाग्रचित्त होना होगा. भगवान का भजन करना है तो अधिक से अधिक संग्रह नहीं करना चाहिए. भक्त स्वतंत्र होते हैं. राजा नृग की कथा के दौरान कहा कि दान की हुई वस्तु को दुबारा दान नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा भूल कर भी ब्राह्मण का अपमान नहीं करना चाहिए. श्रद्धालुओं को वृंदावन की होली का दर्शन कराया. इसमें झांकी के साथ-साथ श्रद्धालुओं के बीच फूल बरसाये गये. कथा का समापन हवन कार्यक्रम से हुआ. कार्यक्रम का संचालन संयोजक अंजनी शर्मा ने किया. इस मौके पर अनूप शर्मा, अरुण राय, चंद्रशेखर राय, वीणा देवी, मृत्युंजय साह, स्वीटी देवी, डॉ राणा प्रताप सिंह, मीरा सिंह, गोपाल भारती गौड़, विक्की शर्मा, जगतराम कर्णपुरी, दीपक शर्मा, दीपक शर्मा, अन्नपूर्णा देवी, साधना मिश्रा, प्रदीप शास्त्री आदि उपस्थित थे.

Next Article

Exit mobile version