मेन खबर का इनबॉक्सभागलपुर. बिहार गौरवशाली अतीत, विकासशील वर्तमान व विकसित भविष्य की तसवीर है. साहित्यिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, सामाजिक स्तर पर देश ने जब भी अंगड़ाई ली है, शुरुआत बिहार से ही हुई है. सीनेट हॉल में आयोजित कार्यक्रम में अपने संबोधन में कुलपति प्रो आरएस दुबे ने उक्त बातें कही. अपने अभिभाषण में उन्होंने नालंदा व विक्रमशिला विश्वविद्यालय, सम्राट अशोक, प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद,राष्ट्रकवि दिनकर, विद्यापति से लेकर जयप्रकाश नारायण व गणितज्ञ आर्यभट्ट की महानता की चर्चा की. उन्होंने अफसोस जताया कि 123 करोड़ की आबादी वाले देश का 10 वां हिस्सा(11 करोड़ की आबादी) बिहार में कुल 43 केंद्रीय विवि में से महज एक व लगभग 700 विवि में से लगभग 30 ही विश्वविद्यालय है, इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है. उत्तर प्रदेश में जन्में व बिहार में कार्यरत कुलपति ने रसायनशास्त्री नागार्जुन की भी चर्चा करते हुए बताया कि भले ही नागार्जुन की जन्मभूमि बिहार न हो, लेकिन नालंदा विवि के पहले कुलपति नागार्जुन अपनी कर्मभूमि बिहार में ही असल मायने में ‘नागार्जुन’ हुए.
बिहार से ही ली है देश ने अंगड़ाई : कुलपति
मेन खबर का इनबॉक्सभागलपुर. बिहार गौरवशाली अतीत, विकासशील वर्तमान व विकसित भविष्य की तसवीर है. साहित्यिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, सामाजिक स्तर पर देश ने जब भी अंगड़ाई ली है, शुरुआत बिहार से ही हुई है. सीनेट हॉल में आयोजित कार्यक्रम में अपने संबोधन में कुलपति प्रो आरएस दुबे ने उक्त बातें कही. अपने अभिभाषण में उन्होंने […]
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