फिर पटरी पर दौड़ी राज्यरानी एक्सप्रेस

सहरसा: सहरसा से पटना जाने के क्रम में महज 30 किलोमीटर की दूरी तय कर धमारा घाट पहुंच 28 लोगों को लीलने के दो दिन बाद बुधवार को राज्यरानी एक्सप्रेस फिर से पटरी पर दौड़ पड़ी. घटना के बाद सोमवार व मंगलवार को इस ट्रेन का परिचालन रद्द किया गया था. बुधवार को राज्यरानी एक्सप्रेस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 22, 2013 8:29 AM

सहरसा: सहरसा से पटना जाने के क्रम में महज 30 किलोमीटर की दूरी तय कर धमारा घाट पहुंच 28 लोगों को लीलने के दो दिन बाद बुधवार को राज्यरानी एक्सप्रेस फिर से पटरी पर दौड़ पड़ी. घटना के बाद सोमवार व मंगलवार को इस ट्रेन का परिचालन रद्द किया गया था. बुधवार को राज्यरानी एक्सप्रेस पटना से अपने निर्धारित समय पर साढ़े बारह बजे खुली. हॉल्ट को छोड़ सभी स्टेशनों पर रुकती हुई ट्रेन मानसी तक पहुंची. इसके बाद सभी हॉल्ट व स्टेशनों पर रुकती हुई तकरीबन एक घंटा 25 मिनट विलंब से वह सहरसा जंकशन के प्लेटफॉर्म नंबर दो पर प्लेस हुई. हालांकि रेलवे प्रशासन ने बताया कि गुरुवार से राज्यरानी एक्सप्रेस अपने पूर्व निर्धारित समय से ही खुलेगी.

लोगों में बनी थी उत्सुकता : हादसे के बाद सहरसा जंकशन पर राज्यरानी एक्सप्रेस को देखने के लिए लोगों की उत्सुकता बनी थी. सैकड़ों लोग सिर्फ ट्रेन की एक झलक पाने को आये थे. लोगों के बीच सोमवार के खूनी हादसे की चर्चा बनी थी. हर कोई राज्यरानी को खूनी एक्सप्रेस की संज्ञा दे रहा था. ट्रेन को देखते ही कई लोगों ने हाथ जोड़ते कात्यायनी मां को नमन किया. वे कह रहे थे कि हे मां, जो लीला सो लाला, अब पहले की तरह ट्रेन को चलने दो.
आरबी सिंह लेकर आये ट्रेन
खूनी हादसे के बाद बुधवार को फिर से शुरू हुए परिचालन में ड्राइवर आरबी सिंह व सह चालक संजीव कुमार ट्रेन को लेकर सहरसा आये. बुधवार को राज्यरानी में 19 की जगह मात्र 15 बोगियां ही थी. इनमें 12 सामान्य, एक एसी चेयर कार व दो एसएलआर बॉगियां शामिल थी. सभी डब्बे पुराने लेकिन सुव्यवस्थित थे. सभी डब्बे पर राज्यरानी सुपरफास्ट लिखे बोर्ड भी टंगे थे. बुधवार को एसी बोगी में किसी का रिजर्वेशन नहीं था. गाड़ी को गार्ड नागेंद्र राम झंडी दिखा रहे थे.
यात्रियों की संख्या थी कम
बुधवार को पटना से सहरसा के लिए खुली राज्यरानी सुपरफास्ट एक्सप्रेस में यात्रियों की संख्या काफी कम थी. यात्र कर आ रहे बनगांव थानाध्यक्ष चंद्रकांत गौरी ने बताया कि घटना से एक दिन पूर्व रविवार को ही वे पटना गये थे. वहीं घटना की सारी खबर मिली थी. मंगलवार को ही बुधवार से ट्रेन के पुन: चलने की जानकारी मिली तो उन्होंने एक दिन रुक इसी ट्रेन से आने का प्लान बनाया. ट्रेन से उतरे कायस्थ टोला के छात्र अभिलिप्सित अमबरिष्ठ ने बताया कि राज्यरानी से आने में उन्हें डर भी लग रहा था, लेकिन दिन में चलकर दिन में पहुंचना था, सो इसी से आये. यात्रियों ने बताया कि बदला घाट के बाद ट्रेन की गति काफी धीमी हो गई थी. धमारा में करीब पांच मिनट तक रुकी. इस दौरान लोगों में खिड़की व दरवाजों से उस खूनी स्थल को देखने की होड़ लगी रही.

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