ट्रैक धंसा, बची लिंक एक्सप्रेस

भागलपुर: गंगा का जल स्तर लगातार बढ़ने के कारण ग्रामीण व शहरी इलाके में बाढ़ का कहर बढ़ता जा रहा है. ज्यों-ज्यों दियारा इलाके के गांव बाढ़ की चपेट में आते जा रहे हैं, शहरी इलाके व एनएच पर बाढ़ पीड़ितों की बस्ती का दायरा बढ़ता जा रहा है. बाढ़ की पीड़ा ङोल रहे नवगछिया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 22, 2013 8:29 AM

भागलपुर: गंगा का जल स्तर लगातार बढ़ने के कारण ग्रामीण व शहरी इलाके में बाढ़ का कहर बढ़ता जा रहा है. ज्यों-ज्यों दियारा इलाके के गांव बाढ़ की चपेट में आते जा रहे हैं, शहरी इलाके व एनएच पर बाढ़ पीड़ितों की बस्ती का दायरा बढ़ता जा रहा है. बाढ़ की पीड़ा ङोल रहे नवगछिया के नारायणपुर में बुधवार को रेलवे ट्रैक धंस गया. इससे कटिहार-बरौनी रेल खंड पर टाटा-कटिहार लिंक एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल-बाल बची.

कहलगांव के बटेश्वर स्थित गंगा तट पर स्नान करने आये सुनील सिंह के पुत्र ऐश्वर्य कुमार (20) की डूबने से मौत हो गयी. पीरपैंती के चटैया पुल के गंगा की धार में बुधवार को बड़ी मोहनपुर निवासी आनंदी मंडल का पुत्र मुनीलाल मंडल (35) डूब गया. नवगछिया के कई गांव कट चुके हैं. सबौर के फतेहपुर स्थित यूको बैंक की शाखा बंद हो चुकी है. अब इस शाखा का काम तिलकामांझी शाखा में होगा. इंजीनियरिंग कॉलेज के हॉस्टल खाली करने का निर्देश दे दिया गया है. दर्जनों स्कूल बाढ़ की चपेट में आने के कारण बंद हो चुके हैं. सबौर रोड के दोनों ओर पानी के लगातार बढ़ते दबाव के कारण दोनों तरफ से सड़क कटने लगी है. यह स्थिति और कुछ दिन बनी रही, तो सड़क बह जायेगी. तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय परिसर स्थित लालबाग प्रोफेसर कॉलोनी में बाढ़ का पानी घुसने के कारण शिक्षकों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. वे किराये पर नाव की व्यवस्था कर आवागमन कर रहे हैं.

सबौर के रजंदीपुर रेलवे ढलान पर दर्जनों परिवार बारिश में भींगने को मजबूर हैं. नवटोलिया चौका के ग्रामीण तीन फीट पानी में लंबी दूरी चल कर एनएच तक पहुंच पा रहे हैं. शंकरपुर का अठगामा अस्तित्व विहीन होने के कगार पर है. गांव के लोग जहां सड़क पर आ गये हैं, वहीं इंजीनियरिंग कॉलेज व तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के लालबाग प्रोफेसर कॉलोनी में रहनेवाले शिक्षक घर में दुबकने को मजबूर हो गये हैं. उन्हें आवागमन के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है. दोनों कॉलोनियों के लोगों ने अपने घर की किवाड़ व खिड़कियों में सांप व जहरीले कीड़े के भय से घना जाल लगा रखा है.

सबौर रोड व विभिन्न स्थानों पर रह रहे बाढ़ पीड़ितों का तंबू वर्षा व तेज हवा के कारण उड़ने लगा है. वे प्लास्टिक, साड़ी व धोती से किसी तरह तंबू बना कर रह रहे हैं. दोनों तरफ बाढ़ पीड़ित के बसे होने के कारण सड़क संकरी हो गयी है. इस सड़क पर दिन-रात बड़े वाहनों के परिचालन के कारण कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है.

बिहपुर व खरीक प्रखंड की सीमा पर अवस्थित नरकटिया तटबंध के पास देर शाम से रिसाव शुरू हो गया है. वहीं नारायणपुर नवटोलिया काली स्थान के पास भी गंगा का पानी सड़क पर चढ़ने को है. इधर नारायणपुर के नवटोलिया में जल संसाधन विभाग ने बांध को गंगा मैया के भरोसे ही छोड़ दिया है. यहां गंगा का पानी सड़क पार करने को है. यदि जलस्तर में बढ़ोतरी हुई तो हाइ लेवल साहू परवत्ता तेतरी दुर्गा स्थान 14 नंबर मार्ग अवरुद्ध हो सकता है.

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