अकबरनगर : हर वर्ष कम से पांच लाख का राजस्व देने वाली अकबरनगर हाट में सुविधा नदारद है. सप्ताह के सोमवार व शुक्रवार को यहां हाट लगती है. यहां भागलपुर, मुंगेर, बांका जिले के कई क्षेत्रों से व्यापारी आते हैं. हाट परिसर में ना तो दुकानदारों के लिए कोई शेड है और ना ही पेयजल व बिजली की कोई व्यवस्था. कड़ी धूप हो या भारी वर्षा, दुकानदारों को खुद से कोई तरकीब निकाल कर यहां दुकान चलानी पड़ती है. यह हाट अंगरेजों के जमाने से लग रही है.
सुरक्षा का अभाव : हाट में दूर-दराज से आने वाले व्यापारी सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं. दुकानदार अरविंद साव कहते है कि शाम ढलते ही दुकान उठाने को मजबूर होना पड़ता है. कई बार यहां व्यापारियों से लूटपाट की घटना भी हो चुकी है. इस कारण व्यापारी डरे सहमे रहते है.