देश की अर्थनीति मजदूरों के हित में नहीं
भागलपुर: देश की अर्थनीति मजदूरों के हित में नहीं है. केंद्र सरकार श्रमिक विरोधी है. वर्तमान में केंद्र सरकार की नीति पूंजीवाद पर आधारित है. जब तक देश में गरीबों-मजदूरों के पेट पर सरकार लात मारती रहेगी, तब तक नक्सलवाद फैलेगा. गरीब-मजदूर हथियार उठायेंगे. उक्त बातें भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री कृष्ण चंद्र […]
वे भारतीय मजदूर संघ की ओर से प्रदेश स्तरीय 23वां त्रिवार्षिक अधिवेशन के उद्घाटन सत्र को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार भी मजदूरों के हित में कुछ नहीं कर रही है. पंजाब हरियाणा में मजदूरों का दैनिक न्यूनतम मजदूरी 600 रुपये तक है, जबकि यहां पर 182 रुपये है. इस कारण यहां के मजदूर दूसरे प्रदेशों में पलायन कर रहे हैं. मौके पर स्वांत रंजन ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ राष्ट्रवादी श्रमिकों का संगठन है. भारत का गौरव तभी बढ़ेगा, जब देश के मजदूर सुखी होंगे. अधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए श्रीवास्तव अविनाश प्रसाद ने भी बिहार में मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने की बात दोहरायी और कहा कि केंद्र सरकार को औद्योगिक नीति बदलनी होगी और श्रमिकों के हित में काम करना होगा.
इससे पूर्व अधिवेशन का उद्घाटन आरएसएस के राष्ट्रीय बौद्धिक प्रमुख स्वांत रंजन ने दीप जला कर किया. स्वागताध्यक्ष पवन कुमार यादव ने अतिथियों एवं प्रतिनिधियों का स्वागत किया.कार्यक्रम का संचालन जिला मंत्री राजेश लाल ने किया.उन्होंने बताया कि रविवार को अधिवेशन में प्रतिनिधि सत्र होगा. अधिवेशन में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के 400 मजदूर प्रतिनिधि एवं सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए.
मौके पर राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामप्रताप मिश्र, पूर्वी क्षेत्र संगठन मंत्री सुरेश प्रसाद सिन्हा, एनओ आइडब्ल्यू के राष्ट्रीय संगठन मंत्री विनय सिन्हा, अखिल भारतीय पोस्टल एकाउंट के महामंत्री संजय कुमार सिन्हा, पोस्टल सिविल विंग के राष्ट्रीय महामंत्री बलराम पांडेय, नीरज कुमार सिन्हा, विद्युत श्रमिक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मो मुमताज, भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश मंत्री मनोज झा, प्रदेश उपाध्यक्ष सुधा कुमारी आदि उपस्थित थे.