गंगा किनारे बसे बरारी की अपनी पहचान
संवाददाताभागलपुर : गंगा किनारे बसे बरारी मुहल्ले की अपनी पहचान है. बरारी इलाके में नगर निगम का वार्ड 28 और 29 का हिस्सा आता है. कुछ साल पहले तक बरारी में देर रात तक चहल पहल रहती थी. गंगा पार से नाव और स्टीमर से लोगों का आना-जाना लगा रहता था. लगभग 20 साल पहले […]
संवाददाताभागलपुर : गंगा किनारे बसे बरारी मुहल्ले की अपनी पहचान है. बरारी इलाके में नगर निगम का वार्ड 28 और 29 का हिस्सा आता है. कुछ साल पहले तक बरारी में देर रात तक चहल पहल रहती थी. गंगा पार से नाव और स्टीमर से लोगों का आना-जाना लगा रहता था. लगभग 20 साल पहले बरारी में रेलवे की स्टीमर व रेलवे सेवा थी, लेकिन यह दोनों सेवा रेलवे ने बंद कर दी. गंगा नदी पर विक्रमशिला पुल बन जाने के कारण इस होकर आवाजाही कम हो गयी. धार्मिक दृष्टि से भी बरारी की अलग पहचान है,लेकिन धार्मिक स्थलों के सही रख-रखाव नहीं होने के कारण स्थिति ठीक नहीं है. बरारी सीढ़ी घाट में राधा-कृष्ण का मंदिर है, लेकिन मंदिर का रख-रखाव सही से नहीं होता है. सालों से मंदिर की रंगाई तक नहीं हुई है. वहीं बरारी पुल घाट के जानेवाला रास्ता पैदल चलने लायक नहीं है. बरारी रेलवे कॉलोनी से पुल घाट तक जाने वाली सड़क जर्जर है. इस मार्ग में निगम द्वारा सफाई व्यवस्था नहीं की जाती है. बरारी में हर समुदाय के लोग भाइचारे के साथ रहते हैं, जो एक मिसाल है. बरारी में पीर बाबा के दो मजार भी हैं, जहां हर समुदाय के लोग अपनी मन्नत को लेकर आते हैं.