निजी कंपनी में था एचआर हेड, एक माह पहले छोड़ी थी नौकरी, बैंककर्मी का बेटा अगवा

भागलपुर: बरारी थाना क्षेत्र के छोटी खंजरपुर, गुलजारी लाल पथ निवासी एसबीआइ मुख्य शाखा के कैशियर शंकर मंडल के बड़े पुत्र रमेश कुमार अप्पू (30) का अपराधियों ने अपहरण कर लिया है. घटना 11 अप्रैल सुबह दस बजे की है. परिजनों ने 12 अप्रैल को बरारी थाने में रमेश के अपहरण व हत्या किये जाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 13, 2015 10:20 AM
भागलपुर: बरारी थाना क्षेत्र के छोटी खंजरपुर, गुलजारी लाल पथ निवासी एसबीआइ मुख्य शाखा के कैशियर शंकर मंडल के बड़े पुत्र रमेश कुमार अप्पू (30) का अपराधियों ने अपहरण कर लिया है. घटना 11 अप्रैल सुबह दस बजे की है.
परिजनों ने 12 अप्रैल को बरारी थाने में रमेश के अपहरण व हत्या किये जाने की आशंका से संबंधित प्राथमिकी दर्ज करायी है. मामले में अमित जी-मार्क कंपनी के मालिक सह डायरेक्टर अमित कुमार (हाउसिंग कॉलोनी, बरारी) पर अपहरण का आरोप
लगाया है.
रमेश इस कंपनी में एचआर हेड था. एक माह पूर्व ही उसने कंपनी छोड़ी थी व फिलहाल बेरोजगार था. यह कंपनी पैसे लेकर बेरोजगारों को नौकरी देती है. जीरोमाइल थाना के सामने कंपनी का ऑफिस है. पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है. रमेश के परिजनों का आरोप है कि नौकरी दिलाने के नाम पर कंपनी बेरोजगारों से पैसों की ठगी करती है. इस बात की जानकारी जब रमेश को हुई, तो उसने कंपनी छोड़ दी. परिजनों का आरोप है कि कंपनी व उसके मालिक अमित कुमार के गोरखधंधे का राज रमेश को पता चल गया था. इस कारण उसका अपहरण कर लिया गया है. परिजन किसी अनहोनी की आशंका से डरे-सहमे हैं. रमेश ने इस कंपनी में करीब पांच माह तक काम किया था.
घर पर मोबाइल छोड़ गया है रमेश
परिजनों ने बताया कि 11 अप्रैल की सुबह दस बजे रमेश घर से यह कह कर निकला कि साइबर कैफे जा रहा है. वहां उसे एक वैकेंसी का रिजल्ट देखना है. उसने अपना मोबाइल घर पर ही छोड़ दिया और साइबर कैफे के लिए चल दिया. दोपहर से शाम और रात होने पर जब रमेश घर नहीं लौटा, तो परिजनों की चिंता बढ़ गयी. परिजनों ने अपने स्तर से खोजबीन शुरू की, लेकिन पता नहीं चला. रमेश पहले जिस कंपनी में काम करता था, उस कंपनी के मालिक सह डायरेक्टर अमित कुमार को परिजनों ने फोन कर रमेश के बारे में जानकारी ली. अमित ने फोन पर परिजनों को बताया कि 11 अप्रैल की सुबह 1 1 बजे रमेश का फोन आया. परिजनों ने अमित से वह नंबर मांगा, जिससे रमेश ने फोन किया था. इस पर अमित टाल-मटोल करना लगा व अपना मोबाइल बंद कर लिया. परिजन लगातार अमित के हर नंबर पर फोन लगाते रहे, लेकिन कॉल नहीं लगा. तब परिजनों को शंका हुई व सुबह में मामले की जानकारी थाने में दी.

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