इधर खाने के लाले, उधर बैंक का आया नोटिस

आत्मदाह का प्रयास करने वाले किसानों का दर्द फोटो नंबर : आशुतोष जीसंवाददाता,भागलपुरआत्मदाह का प्रयास करने वाले किसानों का दर्द एक ही था कि बारिश से फसल बरबाद हो गयी. बैंक व महाजन के कर्ज से दबे हैं. किसान अब कर्ज कहां से चुकायें या अपने खाने का जुगाड़ कहां से करे. हां स्वरूप अलग-अलग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 14, 2015 9:06 PM

आत्मदाह का प्रयास करने वाले किसानों का दर्द फोटो नंबर : आशुतोष जीसंवाददाता,भागलपुरआत्मदाह का प्रयास करने वाले किसानों का दर्द एक ही था कि बारिश से फसल बरबाद हो गयी. बैंक व महाजन के कर्ज से दबे हैं. किसान अब कर्ज कहां से चुकायें या अपने खाने का जुगाड़ कहां से करे. हां स्वरूप अलग-अलग जरूर था. किसी को लड़की की शादी करनी है, तो किन्हीं का घर बारिश में टपकता है तो किन्हीं को बैंक का नोटिस आया है. कैसे होगी बेटी की शादी संपत्ति देवी पति जयप्रकाश राय का कहना है कि 15 बीघा में गेहूं की फसल लगायी थी. सारा का सारा पानी में डूब गया. दो-दो लड़की की शादी करनी है. घर की स्थिति अच्छी नहीं है. आठ सदस्यों का परिवार कैसे चलेगा. इसकी चिंता है. 2012 में गाय खरीदने के लिए लोन लिया था. 50 फीसदी सब्सिडी मिलनी था, लेकिन नहीं मिली. फसल खेत में रह गयी और इधर बैंक का नोटिस आ गया. बैंक से बार-बार गिरफ्तारी की चेतावनी मिल रही है. रहने का घर नहीं, पत्नी गयी माइकामदन राय का कहना है कि 12 बीघा जमीन में गेहूं लगायी थी. सब बरबाद हो गया. घर की स्थिति देख कर पत्नी मायका चली गयी. अब कोई आसरा नहीं देख कर आत्मदाह ही रास्ता रह गया था. इस बार के आश्वासन पर रुक गये हैं. यदि मुआवजा नहीं मिला, तो फिर कोई उग्र कदम जरूर उठायेंगे. महाजन का कर्ज कहां से चुकायेंगे.

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