रन्नुचक के नत्था को बचा लीजिये सीएम साब

-कर्ज से दबे किसानों ने लगायी गुहार -रन्नुचक-मकंदपुर पंचायत में है पांच हजार से अधिक किसान -2600 हेक्टेयर भूमि में हुई थी गेहूं की खेती संवाददाता,भागलपुरपिपली लाइव फिल्म की तर्ज पर रन्नुचक में भी बेमौसम बारिश से बरबाद हुए फसल के बाद कर्ज से दबे किसानों ने आत्मदाह का प्रयास किया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 14, 2015 9:06 PM

-कर्ज से दबे किसानों ने लगायी गुहार -रन्नुचक-मकंदपुर पंचायत में है पांच हजार से अधिक किसान -2600 हेक्टेयर भूमि में हुई थी गेहूं की खेती संवाददाता,भागलपुरपिपली लाइव फिल्म की तर्ज पर रन्नुचक में भी बेमौसम बारिश से बरबाद हुए फसल के बाद कर्ज से दबे किसानों ने आत्मदाह का प्रयास किया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कर्ज माफी व मुआवजा की गुहार लगायी. इधर डीएम के नाम का ज्ञापन डीसीएलआर को सौंपा. 10.40 करोड़ की लागत हुई बेकार किसानों का कहना था कि रन्नुचक-मकंदपुर पंचायत के रन्नुचक, मकंदपुर, भरत रसनपुर, शाहपुर, दोगच्छी, भवनाथपुर गांव में 4000 हेक्टेयर भूमि में खेती हुई थी, जिसमें केवल 2600 हेक्टेयर भूमि में गेहूं की फसल लगी थी. 80 से 90 फीसदी फसल बरबाद हो गयी. किसानों का कहना है कि एक हेक्टेयर भूमि में खेती करने में 40 हजार खर्च आता है, जबकि मेहनत अलावा ही. इसके अलावा अन्य भूमि में मकई, दलहन व तेलहन की फसल लगी थी. दलहन व तेलहन की फसल भी पूरी बरबाद हो गयी है. ऐसे गेहूं को न तो मवेशी खायेंगे न ही कुछ किया जा सकता है. किसानों के घर में खाने के लाले पड़ गये हैं. ऊपर से कर्ज का बोझ अलग ही है. ऐसे में जाये तो जाये कहां. मुख्यमंत्री जी आप रन्नुचक-मकंदपुर एक बार फिर आये और उनकी समस्या का निदान करें. किसानों की मांगें-किसानों द्वारा बैंक से लिया गया कृषि लोन व पशु लोन माफ किया जाये-फसल खराब होने पर मुआवजा मिले-फसल बीमा का भुगतान किया जाये-डेयरी ऋण व बोरिंग ऋण पर अनुदान का लाभ मिले-समय-समय पर खाद, बीज व सिंचाई की सुविधा मिले

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