बाजार में अच्छी क्वालिटी के आटा का हो जायेगा अभाव
– भागलपुर में रोजाना दो हजार क्विंटल से अधिक गेहूं की होती है खपत -खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के सामने अच्छी क्वालिटी के गेहूं उपलब्ध होने की समस्या संवाददाता,भागलपुररबी फसल की बरबादी से किसानों के सामने जीवन यापन की गंभीर समस्या पैदा हो गयी है. गेहूं की फसल चौपट होने से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को कच्चे […]
– भागलपुर में रोजाना दो हजार क्विंटल से अधिक गेहूं की होती है खपत -खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के सामने अच्छी क्वालिटी के गेहूं उपलब्ध होने की समस्या संवाददाता,भागलपुररबी फसल की बरबादी से किसानों के सामने जीवन यापन की गंभीर समस्या पैदा हो गयी है. गेहूं की फसल चौपट होने से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को कच्चे माल के रूप में अच्छी क्वालिटी का गेहूं मिलना भी कठिन हो गया है. इस्टर्न बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकुटधारी अग्रवाल का कहना है कि भागलपुर में आटा चक्की और आटा मिलों को भागलपुर के किसानों से भी गेहूं की प्राप्ति होती है.भागलपुर में ही प्रतिदिन कम से कम 2000 क्विंटल गेहूं की खपत आटा चक्की व फ्लावर मिलों से होती है. वे गेहूं से आटा, सूजी और मैदा तैयार करते हैं. पशुओं के लिए चोकर भी तैयार किया जाता है. गेहूं की फसल चौपट होने से गेहूं की आपूर्ति प्रभावित होगी. उपभोक्ता को बेहतर आटा और गेहूं आधारित अन्य उत्पाद मिलने में दिक्कत होगी. वर्तमान भाव में 15 से 20 फीसदी की वृद्धि भी हो सकती है.