भूमिहीन किसान ताक रहे आसमान, कैसे मिले अनुदान
-कर्ज लेकर लगायी फसल, उपजी बरबादी-रन्नूचक के 80 प्रतिशत से ज्यादा किसान परायी जमीन पर की है खेतीसंवाददाताभागलपुर : बारिश की आंधी में बरबाद हो चुके नाथनगर प्रखंड के रन्नूचक गांव के भूमिहीन किसान अनुदान की आस लगाये बैठे हैं. 14 अप्रैल को आत्मदाह की कोशिश व अधिकारियों के आश्वासन के बाद उनकी उम्मीद टूटी […]
-कर्ज लेकर लगायी फसल, उपजी बरबादी-रन्नूचक के 80 प्रतिशत से ज्यादा किसान परायी जमीन पर की है खेतीसंवाददाताभागलपुर : बारिश की आंधी में बरबाद हो चुके नाथनगर प्रखंड के रन्नूचक गांव के भूमिहीन किसान अनुदान की आस लगाये बैठे हैं. 14 अप्रैल को आत्मदाह की कोशिश व अधिकारियों के आश्वासन के बाद उनकी उम्मीद टूटी नहीं है, जबकि उनमें से कई विभागीय पेच को समझने लगे हैं. पेच यह है कि बड़े जमीन मालिकों से जमीन लेकर और महाजनों से कर्ज लेकर जिन किसानों ने फसल लगायी, उन्हें खेतों पर कानूनी हक नहीं होने के कारण राहत राशि नहीं मिल पायेगी. रन्नूचक समेत जिले के विभिन्न गांवों के बटाई पर खेती करने वाले तमाम किसानों का यही हालत होगी. दरअसल अबतक सरकार ने ऐसे किसानों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है. ज्यादातर बटाई पर काम करने वाले किसान नाथनगर कृषि कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. प्रखंड कृषि पदाधिकारी निर्भय मिश्रा ने बताया कि जांच प्रतिवेदन रिपोर्ट जिला कार्यालय और फिर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच गयी है. लेकिन बटाईदार किसानों के पास खेती करने के साक्ष्य मौजूद नहीं हो पाने के कारण अनुदान से वंचित रह जाते हैं. इन किसानों को सरकारी अनुदान व फसल बीमा मिल पाना मुश्किल होता दिख रहा है. किसानों का कहना है कि सरकार व कृषि विभाग यदि इस दिशा में कोई रास्ता नहीं निकालती, तो वे एक बार फिर से भुखमरी के कगार पर खड़े होंगे.-निलेश, 240 शब्द