अपने घर में रखी सामग्रियों से करें पांडुलिपि का संरक्षण
कार्यशाला में बोले राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन के परियोजना समन्वयकवरीय संवाददाता, भागलपुर. तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय में पांच दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है. दूसरे दिन शनिवार को राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन के परियोजना समन्वयक डॉ उमेश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि पांडुलिपियों का संरक्षण घर में रखी सामग्री से भी किया जा […]
कार्यशाला में बोले राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन के परियोजना समन्वयकवरीय संवाददाता, भागलपुर. तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय में पांच दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है. दूसरे दिन शनिवार को राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन के परियोजना समन्वयक डॉ उमेश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि पांडुलिपियों का संरक्षण घर में रखी सामग्री से भी किया जा सकता है. इसके लिए हल्दी, तेजपत्ता, दालचीनी, पुदीना, नीम का पत्ता, नीमकौड़ी आदि का इस्तेमाल किया जा सकता है. इससे पांडुलिपि में कीटाणु नहीं लगते. समय-समय पर धूप व हवा भी लगानी चाहिए. सहायक परियोजना समन्वयक विभाष कुमार ने पांडुलिपि निर्माण के पूर्व निर्धारित विधि का इस्तेमाल किया जायेगा, तो इसकी आयु में वृद्धि होगी. डॉ बसंत कुमार चौधरी ने कहा कि पांडुलिपियों को धूल व पानी से दूर रखना चाहिए.