सामान्य रोगियों को भेजा जा रहा घर

भूकंप के भय से नेपाल के अधिकतर अस्पतालों में खुले में हो रहा इलाजप्रतिनिधि, जोगबनीशनिवार को आये प्रलयंकारी भूकंप का असर विराटनगर के अस्पतालों में भी देखा गया. शनिवार को आये भूकंप के सदमे से अभी लोग उबरे भी नहीं थे कि रविवार को फिर से धरती कांप उठी. रविवार को आये भूकंप से विराटनगर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 28, 2015 7:05 PM

भूकंप के भय से नेपाल के अधिकतर अस्पतालों में खुले में हो रहा इलाजप्रतिनिधि, जोगबनीशनिवार को आये प्रलयंकारी भूकंप का असर विराटनगर के अस्पतालों में भी देखा गया. शनिवार को आये भूकंप के सदमे से अभी लोग उबरे भी नहीं थे कि रविवार को फिर से धरती कांप उठी. रविवार को आये भूकंप से विराटनगर स्थित नोबेल मेडिकल कॉलेज की कुछ दीवारों में दरार आ गयी. इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने सभी मरीजों को अस्पतालों से बाहर खुले मैदान में निकाल दिया. भारत से विराटनगर में इलाज करा रहे मरीजों को जिनकी हालत ज्यादा खराब नहीं थी, अस्पताल प्रशासन द्वारा उन्हें रिलीज कर वापस भेज दिया गश है. बाकी बचे मरीजों का इलाज अस्पताल के बाहर कैंप लगा कर किया जा रहा है. फुलकाहा बाजार के डॉ कमरूज्जमा ने अपनी बेटी को प्रसव के लिए नोबेल मेडिकल कॉलेज में भरती कराया था, लेकिन रविवार को आये दोबारा भूकंप के बाद अस्पताल प्रशासन ने उन्हें अस्पताल से रिलीज कर वापस भारत भेज दिया. ऐसे अनेक मरीज हैं, जो बेहतर इलाज के लिए नेपाल के लहान, विराटनगर आदि अस्पतालों में गये थे. उन्हें या तो अस्पताल प्रशासन की तरफ से वापस भेज दिया गया है या वे डर से नेपाल छोड़ कर खुद वापस भारत आ गये हैं. विराटनगर के नोबेल, न्यूरो, गोल्डेन लाइफ गार्ड, विराट नर्सिंग होम सहित कई अस्पताल के चिकित्सक मैदान में कैंप लगा कर मरीजों का इलाज कर रहे हैं.

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