पांडुलिपियों को बचाने के लिए आपदा प्रबंधन जरूरी
भागलपुर. तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय में आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला के पांचवें दिन विभाष कुमार ने कहा कि पांडुलिपियों को बचाने के लिए उसका आपदा प्रबंधन जरूरी है. पांडुलिपि संसाधन केंद्र के सहायक परियोजना समन्वयक श्री कुमार ने कहा कि सभ्यता-संस्कृति के विभिन्न पहलुओं सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, साहित्य, चिकित्सा, पशुपालन आदि की जानकारी को […]
भागलपुर. तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय में आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला के पांचवें दिन विभाष कुमार ने कहा कि पांडुलिपियों को बचाने के लिए उसका आपदा प्रबंधन जरूरी है. पांडुलिपि संसाधन केंद्र के सहायक परियोजना समन्वयक श्री कुमार ने कहा कि सभ्यता-संस्कृति के विभिन्न पहलुओं सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, साहित्य, चिकित्सा, पशुपालन आदि की जानकारी को पीढ़ी दर पीढ़ी पहुंचाने में पांडुलिपियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. दूसरे सत्र में कुलपति प्रो रमा शंकर दुबे, प्रतिकुलपति प्रो एके राय, डॉ उमेश चंद्र द्विवेदी, प्रो बीके सिंह, प्रो राजीव कुमार सिन्हा, बसंत कुमार चौधरी आदि मौजूद थे.