साहित्य से ही समाज का विकास संभव

मजदूर दिवस पर आयोजित कवि सम्मेलन में बोले डॉ लखन लाल सिंह आरोहीफोटो नंबर : सिटी में संवाददाता, भागलपुरवर्तमान युवा पीढ़ी को एक दिशा देने की जरूरत है. यह दिशा साहित्य ही दे सकता है. साहित्य समाज का दर्पण होता है. साहित्य से ही समाज का विकास संभव है. खासकर कविता इसका माध्यम बन सकती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 2, 2015 9:05 PM

मजदूर दिवस पर आयोजित कवि सम्मेलन में बोले डॉ लखन लाल सिंह आरोहीफोटो नंबर : सिटी में संवाददाता, भागलपुरवर्तमान युवा पीढ़ी को एक दिशा देने की जरूरत है. यह दिशा साहित्य ही दे सकता है. साहित्य समाज का दर्पण होता है. साहित्य से ही समाज का विकास संभव है. खासकर कविता इसका माध्यम बन सकती है. कविता लोगों जगाने का काम करती है. उक्त बातें साहित्यकार प्रो लखन लाल सिंह आरोही ने शुक्रवार को रजौन प्रखंड के मझगांय डरपा पंचायत अंतर्गत मझगांय में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर आयोजित कवि सम्मेलन के दौरान कही. वे कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे थे. इससे पहले कार्यक्रम का उद्घाटन कविगण डॉ आरोही, प्रो नवीन निकुंज, अधिवक्ता निशित मिश्रा, अमर कुमार सिंह, कपिलदेव कृपाला, प्रकाशचंद्र सेन प्रीतम व प्रभाष चंद्र राव ने किया. कवि सम्मेलन के दौरान सभी कवियों ने वीर, भक्ति व शृंगार रस समेत हास्य-व्यंग्य की कविता पाठ की. प्रकाश चंद्र सेन प्रीतम ने अंगिका में एक से एक कविता पाठ कर लोगों को गुदगुदाया. शांति देवी ने विवाह गीत प्रस्तुत किया. कार्यक्रम का संचालन सामाजिक कार्यकर्ता प्रभाष चंद्र राव व अधिवक्ता निशित मिश्रा ने व मंच का संचालन प्रो नवीन निकुंज ने किया. शिक्षक मनोज राव ने भी ऐसे कार्यक्रम को बार-बार कराने पर जोर दिया, ताकि युवा पीढ़ी में जागरूकता आ सके. ई महेश राव ने धन्यवाद ज्ञापन किया. मौके पर समाजसेवी लक्ष्मण प्रसाद राव, सच्चिदानंद सिंह, प्रताप नारायण राव, पैक्स अध्यक्ष रमण राव, रमण कुमार, अनुज राव, नीरज सिंह, चंदन सिंह, कैलाश राव, निरंजन दास, सूरज, चंदन दास आदि उपस्थित थे.

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