तकनीकी शब्दावली में शामिल होंगे टीएमबीयू में विकसित हिंदी शब्द

भागलपुर: भारत में कृषि जनमानस से जुड़ी है और जनमानस की भाषा हिंदी है. कृषि में नित होने वाले नये प्रयोगों व शोध परिणामों को हिंदी में आम किसानों के समक्ष पेश किया जाना चाहिए, ताकि उन्हें इसका प्रत्यक्ष लाभ मिले. इंटरनेट ने अंगरेजी के शब्दों को हिंदी मे रूपांतरित किया, लेकिन शब्दों को और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 3, 2015 9:11 AM
भागलपुर: भारत में कृषि जनमानस से जुड़ी है और जनमानस की भाषा हिंदी है. कृषि में नित होने वाले नये प्रयोगों व शोध परिणामों को हिंदी में आम किसानों के समक्ष पेश किया जाना चाहिए, ताकि उन्हें इसका प्रत्यक्ष लाभ मिले. इंटरनेट ने अंगरेजी के शब्दों को हिंदी मे रूपांतरित किया, लेकिन शब्दों को और सरल व सुगम बनाने की आवश्यकता है. टीएमबीयू के पीजी जूलॉजी विभाग में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के दूसरे दिन शुक्रवार को बीएचयू के सेवानिवृत्त शिक्षाविद प्रो जेपी सिंह ने उक्त मुद्दे से अपनी बात शुरू की.

उन्होंने कहा कि बायोडाइवरसिटी के हिंदी शब्द जैव विविधता जन मानस के बीच प्रचलन में आ गया है. सेमिनार के विषय ‘हिंदी में विज्ञान लेखन व चुनौतियां’ पर उनकी बात को आगे बढ़ाते हुए वैज्ञानिक व तकनीकी शब्दावली आयोग के पदाधिकारी डॉ वीके सिन्हा ने कहा कि अंगरेजी के शब्दों को तोड़ उसका अनुवाद कर शब्द विकसित करें. डॉ अरोड़ा ने कहा कि शब्दावली बनी है, उसका उपयोग करें और नयी शब्दावली भी बनायें, तो आयोग से उसका एप्रूवल ले लें. सत्यापित शब्द शब्दावली में जोड़ी जायेगी.

हिंदी में भी करें शोध, मिलेगा क्रेडिट
कुलपति प्रो आरएस दुबे की अध्यक्षता में हुए वैलिडेटरी सेशन की शुरुआत विभागाध्यक्ष प्रो वीबी लाल ने स्वागत वक्तव्य से किया. आयोग के पंकज कुमार ने सफल आयोजन के लिए विश्वविद्यालय का धन्यवाद किया. कुलपति प्रो दुबे ने कहा कि हिंदी में भी शोध करें, जिसे हिंदी शोध पत्रिका में भेजा जा सके. इसका भी क्रेडिट प्वाइंट मिलता है. पटना से आये दिवाकर श्री ने दो दिवसीय सेमिनार का सारांश प्रस्तुत किया. मारवाड़ी कॉलेज प्राचार्य प्रो एमएसएच जॉन, प्रो अमिता मोइत्र, मनीष वर्मा, टीके घोष आदि ने भी अपने विचार रखे. मंच संचालन प्रो टीके घोष, सत्र संचालन प्रो वीएन सिंह व धन्यवाद ज्ञापन प्रो एमसी वर्मा ने किया. मौके पर प्रो एसपी राय, ओपी चौरसिया, प्रो धर्मशीला कुमारी, फिरोज अहमद, एएन सहाय, डॉ जयप्रकाश नारायण, डॉ राजीव सिंह, कमल किशोर आदि मौजूद थे.

Next Article

Exit mobile version