हंगामे के बाद नियम के प्रति गंभीर हुआ सदर अस्पताल प्रबंधन

भागलपुर. सदर अस्पताल में रविवार को नवजात के बदले जाने के हंगामे के बाद सोमवार से विभाग ने नियमों का सख्ती से पालन शुरू कर दिया. सोमवार को सदर अस्पताल में प्रत्येक नवजात को देने से पहले परिजन से सुपुर्दगी हस्ताक्षर लिया जा रहा था. साथ ही प्रसूता को 12 घंटे बाद ही अस्पताल से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 5, 2015 9:23 AM
भागलपुर. सदर अस्पताल में रविवार को नवजात के बदले जाने के हंगामे के बाद सोमवार से विभाग ने नियमों का सख्ती से पालन शुरू कर दिया. सोमवार को सदर अस्पताल में प्रत्येक नवजात को देने से पहले परिजन से सुपुर्दगी हस्ताक्षर लिया जा रहा था. साथ ही प्रसूता को 12 घंटे बाद ही अस्पताल से जाने दिया जा रहा था.

वही जो प्रसूता घर जाना चाह रही थी, उसे लामा(लेफ्ट अगेंस्ट मेडिकल एडवाइस) दिया गया. अस्पताल प्रबंधन ने विभागीय नियम में कोताही बरतने पर कार्रवाई किये जाने का भी निर्देश दिया. इसके अलावा अब अस्पताल प्रबंधन प्रत्येक डिलिवरी के समय आशा वर्करों की गतिविधि पर पैनी निगाह रखेगा. इसके लिए प्रसूता विभाग के प्रभारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है. सदर अस्पताल के विभिन्न जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना पास हो चुकी है. मगर फंड के अभाव में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाये जा सके हैं. इस बारे में दोबारा अस्पताल प्रबंधन पहल करेगा. खासकर प्रसूता विभाग के बाहर सीसीटीवी कैमरे लग जाने से हर गतिविधि पर नजर संभव हो सकेगी. जिससे नवजात के जन्म में पैसे मांगने सहित अन्य आरोपों की सच्चई का पता लग सकेगा.

रविवार को यह हुई थी घटना
मुंदीचक निवासी शंभू कुमार ठाकुर की पत्नी पार्वती देवी ने रविवार की सुबह 5.10 बजे एक बच्चे को जन्म दिया था. परिजन ने बताया कि ममता कार्यकर्ता पिंकी ने उससे आकर लड़का जन्म लेने की बात कही. इसके बाद ममता के बच्च देने के बाद वे घर चले गये. मगर घर पर नवजात के लड़की होने की बात पता लगने पर वे सदर अस्पताल में आकर बवाल कर दिया.
गौर नहीं किये जानेवाले इन नियमों पर हुई सख्ती
– बच्चे के जन्म के बाद नवजात के लिंग (महिला व पुरुष) की तत्काल जानकारी परिजनों को दी गयी
– नवजात के लिंग (महिला व पुरुष) की जानकारी अस्पताल के रजिस्टर में दर्ज की गयी
– प्रसूता को नवजात सुपुर्द किये जाने पर उसका लिखित पत्र लिया गया
नियम को लेकर पहले मॉनीटरिंग नहीं हो रही थी, जो अब सख्ती से नियम पालन कराया जायेगा. नवजात को देते समय परिजन का हस्ताक्षर लिया जा रहा है.
डॉ संजय कुमार, प्रभारी, सदर अस्पताल, भागलपुर

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