हड़ताल का यह कैसा तरीका

आमंत्रित अतिथि की रायशिक्षकों का दामन दागदार न करें शिक्षक एक बेहतर समाज के निर्माण में शिक्षकों की अग्रणी भूमिका होती है. सवाल उठता है कि ये कैसे शिक्षक हैं, जिनको पठन-पाठन छोड़ अन्य सभी चीजों से मतलब है. ऐसा करने वाले शिक्षकों को यह सोचना होगा कि उन्होंने किसके चेहरे पर कालिख पोती है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 6, 2015 1:04 AM

आमंत्रित अतिथि की रायशिक्षकों का दामन दागदार न करें शिक्षक एक बेहतर समाज के निर्माण में शिक्षकों की अग्रणी भूमिका होती है. सवाल उठता है कि ये कैसे शिक्षक हैं, जिनको पठन-पाठन छोड़ अन्य सभी चीजों से मतलब है. ऐसा करने वाले शिक्षकों को यह सोचना होगा कि उन्होंने किसके चेहरे पर कालिख पोती है. किसी एक शिक्षक के चेहरे पर या फिर शिक्षक समाज के ऊपर. वेतनमान की मांग और हड़ताल करने का यह कैसा तरीका अख्तियार कर रहे हैं, शिक्षक. अगले दिन कोई किसी का सिर फोड़ दे, हाथ-पैर तोड़ दे. बच्चों में क्या संदेश जा रहा होगा. हड़ताली शिक्षकों ने मूल्यांकन बाधित कर रखा है. उन्हें सोचना होगा कि क्या उन लाखों बच्चों में उनके बच्चे नहीं हैं, जिनके भविष्य पर उन्होंने ताला जड़ दिया है. असली बात तो यह है कि नियोजित शिक्षकों को वेतनमान देना सरकार के बस की बात ही नहीं है. वेतनमान देने में एक पंचवर्षीय योजना का सारी राशि खर्च हो सकती है. यदि नियोजित शिक्षकों पर ही सारा फंड खर्च कर दिया जायेगा, तो अन्य विकास कार्यों का क्या होगा. ऐसी घटनाओं की चहुंओर निंदा व भर्त्सना होनी चाहिए. -टीपी सिंहपूर्व डीइओ सह पूर्व टीटीसी प्राचार्य

Next Article

Exit mobile version