बेरोजगारों को डिप्लोमा के बाद नौकरी

सबौर: बिहार के बेरोजगार युवकों के लिए एक अच्छी खबर है. सरकार एक वर्ष का डिप्लोमा कोर्स प्रारंभ कर रही है, जिससे रोजगार मिलेगा. सरकार उसे संबंधित कंपनियों में नौकरी के भी अवसर उपलब्ध करायेगी.नामांकन के लिए उम्र सीमा नहीं है. कोई भी इंटर पास व्यक्ति यहां नामांकन ले सकते हैं. इस कड़ी में बिहार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 10, 2013 9:17 AM

सबौर: बिहार के बेरोजगार युवकों के लिए एक अच्छी खबर है. सरकार एक वर्ष का डिप्लोमा कोर्स प्रारंभ कर रही है, जिससे रोजगार मिलेगा. सरकार उसे संबंधित कंपनियों में नौकरी के भी अवसर उपलब्ध करायेगी.नामांकन के लिए उम्र सीमा नहीं है. कोई भी इंटर पास व्यक्ति यहां नामांकन ले सकते हैं. इस कड़ी में बिहार के 15 कॉलेज सहित बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर में भी सामुदायिक महाविद्यालय खुलने जा रहा है. इसमें दो कोर्स खाद्य प्रसंस्करण और फार्म-मशीनरी – पावर की पढ़ाई होगी. बहुत जल्द नामांकन के लिए पहल किया जायेगा. कब और कितने बेरोजगारों का नामांकन होगा एक सप्ताह के अंदर नामांकन के लिए आवेदन आमंत्रित किये जायेंगे. प्रथम वर्ष प्रारंभ होने के कारण बहुत कम दोनों कोर्स में 20 -20 का नामांकन लिया जायेगा. नामांकन प्रक्रिया राज्य सरकार के आरक्षण प्रावधान के अनुसार होगा.

कितने कॉलेज खुल रहे हैं
अमेरिकन सिस्टम के तर्ज पर देश में विभिन्न विषय आधारित 200 कॉलेज खोले जायेंगे. इनमें बिहार में 15 कॉलेज खोले जा रहे हैं. पढ़ाई बीच में ही छोड़ कर वैसे लोग जो गांव या शहर में बेरोजगार हैं. उन्हें रोजगार से जोड़ना इस कार्यक्रम का उद्देश्य है.

परीक्षा की मॉनीटरिंग
बिहार सरकार के आर्यभट्ट विश्वविद्यालय पटना इसकी मोनिटरिंग करेगा और प्रमाण पत्र निर्गत करेगा.

दी जायेगी तकनीकी शिक्षा
सामुदायिक कॉलेज में विशेषज्ञों द्वारा पढ़ाया जायेगा. साथ ही दो माह का प्रायोगिक प्रशिक्षण किसी बड़े कंपनी के फार्म हाउस में दिया जायेगा.

इन कंपनियों से बनी है सहमति
महिन्द्रा एंड महिन्द्रा, जॉन डीअर, खाद्य प्रसंस्करण के लिए हाजीपुर व मुजफ्फरपुर की कंपनियों से सहमति बनी है. इस कंपनियों के विशेषज्ञ यहां पढ़ाने आयेंगे. अपनी कंपनी में दो माह प्रायोगिक प्रशिक्षण भी देंगे. साथ ही नौकरी के अवसर भी उपलब्ध करायेंगे.

करने होंगे खर्च
कोर्स के लिए जिल छात्र का नामांकन लिया जायेगा से अपने रहने और खाने-पीने का खर्च खुद उठाना होगा. साथ ही छह हजार रुपया एक वर्ष में शुल्क देना होगा. कॉलेज अपने खर्च पर दो माह प्रायोगिक प्रशिक्षण कराने कहीं दूसरे जगह ले जायेगा.

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