नाथनगर क्षेत्र में 120 दिन में 15 फीट नीचे गया जलस्तर
भागलपुर: जिले का भूमिगत जल लगातार पाताल में जा रहा है. स्थिति यह है कि पिछले 120 दिन में शहर से सटे कुछ इलाकों में 15 फीट तक जलस्तर नीचे चला गया है. स्थिति अत्यंत भयावह होती जा रही है. लगातार दोहन व भूमिगत जल को रिचार्ज नहीं करने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई […]
भागलपुर: जिले का भूमिगत जल लगातार पाताल में जा रहा है. स्थिति यह है कि पिछले 120 दिन में शहर से सटे कुछ इलाकों में 15 फीट तक जलस्तर नीचे चला गया है. स्थिति अत्यंत भयावह होती जा रही है. लगातार दोहन व भूमिगत जल को रिचार्ज नहीं करने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है. ग्राउंड वाटर लेवल का हिसाब-किताब रखनेवाले लोक स्वास्थ्य प्रमंडल का कहना है कि फिलहाल इससे शहर में पेयजल की दिक्कत नहीं हो रही है. हालांकि लगातार गिरते जलस्तर से वह चिंतित जरूर हैं.
भले ही विभाग पेयजल के लिए बोरिंग की गहराई को और बढ़ाने की बात करता है, लेकिन गिरते जलस्तर के कारण खेती-किसानी में आनेवाली परेशानी व फसलों को होनेवाले नुकसान से इनकार नहीं करता है.
सूख रहे नहर, फेल हो रहे बोरिंग : गिरते जलस्तर के करण नहर-चैनल सूख रहे हैं. फसलों को पानी देने के लिए बनाये गये बोरिंग आदि भी फेल हो रहे हैं. कार्यपालक अभियंता रणजीत कुमार बताते हैं कि हर वर्ष मई-जून में जलस्तर गिरता है. मॉनसून आने के बाद जलस्तर में सुधार होता है. फिलहाल इससे शहर में पेयजल संकट की स्थिति उत्पन्न नहीं होनेवाली है, लेकिन लगातार गिरता जलस्तर चिंता का विषय जरूर है.
80 फीट पर है शहर में पानी
शहरी क्षेत्र (नगर निगम) में पानी का स्तर सबसे नीचे है. यहां पानी का स्तर 60 से 83 फीट के आसपास है. लोक स्वास्थ्य प्रमंडल के आंकड़ों के अनुसार डीएम कार्यालय, प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय के आसपास का भूमिगत जलस्तर 83.1 फीट है, जबकि तिलकामांझी क्षेत्र का जलस्तर लगभग 71 फीट है. इसी प्रकार सैंडिस कंपाउंड क्षेत्र व सदर अस्पताल के आसपास पानी फिलहाल 65 फीट नीचे है. विभाग की रिपोर्ट के अनुसार जनवरी से अब तक इन इलाकों में सात से नौ इंच तक पानी का स्तर गिरा है.