टैगोर ने यूरोपियन पर भी छोड़ा था प्रभाव

-एसएम कॉलेज में आयोजित रवींद्र जयंती समारोह में बोलीं प्राचार्यफोटो : सुरेंद्रवरीय संवाददाता, भागलपुरएसएम कॉलेज में रवींद्र नाथ टैगोर की जयंती मनाने की परंपरा बंद हो गयी थी, जिसे इस बार शुरू किया गया है. टैगोर को सिर्फ बंगीय साहित्य से जुड़े व्यक्ति के नजरिये से नहीं देखना चाहिए. वे देशभक्त थे. उन्होंने अंगरेजों द्वारा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 13, 2015 7:04 PM

-एसएम कॉलेज में आयोजित रवींद्र जयंती समारोह में बोलीं प्राचार्यफोटो : सुरेंद्रवरीय संवाददाता, भागलपुरएसएम कॉलेज में रवींद्र नाथ टैगोर की जयंती मनाने की परंपरा बंद हो गयी थी, जिसे इस बार शुरू किया गया है. टैगोर को सिर्फ बंगीय साहित्य से जुड़े व्यक्ति के नजरिये से नहीं देखना चाहिए. वे देशभक्त थे. उन्होंने अंगरेजों द्वारा दिया गया सम्मान लौटा दिया था. भारत आनेवाले यूरोपियन पर भी अपना प्रभाव छोड़ा था. उन्होंने पहली कविता आठ साल के उम्र में लिखी थी और दूसरी रचना 16 साल की उम्र लिखी थी, जो प्रकाशित हुई. वे बांग्ला व अंगरेजी में लिखा करते थे. यह बातें बुधवार को एसएम कॉलेज में आयोजित रवींद्र जयंती समारोह में प्राचार्य डॉ मीना रानी ने कही. डॉ उत्पला घोष ने भी संबोधित किया. छात्राओं ने आनंद लोके मंगला लोके…गान पर मंगलाचरण नृत्य प्रस्तुत किया. अंजना राय ने रवींद्र गीत पेश किया. डॉ आशा ओझा ने मंच संचालन किया. इससे पूर्व बांग्ला परिषद की ओर से आयोजित समारोह का उद्घाटन प्राचार्य डॉ रानी के साथ डॉ नीलम वर्मा, डॉ प्रेमलता सिंह, डॉ तबस्सुम परवीन, डॉ माला सिन्हा, डॉ नुसरत ने दीप प्रज्वलित कर किया.बॉक्स के लिएशिक्षक गायब होंगे, तो एबसेंट किये जायेंगेप्राचार्य डॉ मीना रानी ने समारोह में कई शिक्षकों की अनुपस्थिति देख नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि किसी समारोह के आयोजन या फिर किसी अन्य कारणों से क्लास सस्पेंड होना शिक्षकों को छुट्टी मिल जाना नहीं है. कई अनुपस्थित शिक्षकों का नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि आगे से जिन शिक्षकों की उपस्थिति नहीं देखी गयी, उन्हें उस दिन के लिए एबसेंट कर दिया जायेगा.

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