नियम से नहीं आत्मानुशासन से होगा सुधार
यह सरकारी कार्यालयों का हाल है. यहां की दीवारें गुटखे व पान की पीक से रंगी हैं. दो दिन पहले ही जिलाधिकारी ने शिक्षा विभाग के अधिकारी का पान व गुटखा खाकर आने पर 500 रुपया का जुर्माना लगाया था. नियम व कानून कई बने हैं. स्वच्छता व शुचिता के लिए. नियम नहीं मानने पर […]
यह सरकारी कार्यालयों का हाल है. यहां की दीवारें गुटखे व पान की पीक से रंगी हैं. दो दिन पहले ही जिलाधिकारी ने शिक्षा विभाग के अधिकारी का पान व गुटखा खाकर आने पर 500 रुपया का जुर्माना लगाया था. नियम व कानून कई बने हैं. स्वच्छता व शुचिता के लिए. नियम नहीं मानने पर दंड का भी प्रावधान है. लेकिन फिर भी स्थिति नहीं सुधरती है. क्योंकि सिर्फ नियम और कानून से स्थिति नहीं सुधरेगी. जब तक अपने कार्यस्थल को स्वच्छ बनाने का आत्मबोध नहीं होगा, स्थिति नहीं सुधरेगी. इसके लिए आत्मानुशासन की जरूरत है. सरकारी कर्मचारी व सरकारी दफ्तर जानेवाले लोग खुद इसमें सहयोग करें, तभी स्वच्छता बनी रहेगी. जहां-तहां थूके पीक नहीं मिलेंगे. गुटखा व पान से भरे मुंह के साथ सरकारी बाबू नहीं मिलेंगे.