आपसी सामंजस्य की कमी, होता है हंगामा

वरीय संवाददाता भागलपुर : जेएलएनएमसीएच में जब भी परिजनों और जूनियर डॉक्टरों के बीच मारपीट की घटना होती है. उसमें आपसी सामंजस्य का अभाव रहता है. एक तो मरीज को लेकर परिजन अस्पताल दर अस्पताल भटकते हुए यहां बड़ी उम्मीद लेकर आते हैं. लेकिन जब यहां भी उनके साथ चिकित्सक व कर्मचारी ठीक से पेश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 20, 2015 11:03 AM

वरीय संवाददाता भागलपुर : जेएलएनएमसीएच में जब भी परिजनों और जूनियर डॉक्टरों के बीच मारपीट की घटना होती है. उसमें आपसी सामंजस्य का अभाव रहता है. एक तो मरीज को लेकर परिजन अस्पताल दर अस्पताल भटकते हुए यहां बड़ी उम्मीद लेकर आते हैं. लेकिन जब यहां भी उनके साथ चिकित्सक व कर्मचारी ठीक से पेश नहीं आते हैं तो अंदर से घुटन महसूस करते हैं. चूंकि मरीज का इलाज कराना रहता है इसलिए परिजन बहुत नहीं बोलते हैं, पर जैसे ही मरीज की मौत होती है, परिजनों का गुस्सा फूट पड़ता है और नौबत मारपीट तक पहुंच जाती है. ऐसे हो सकता है सुधारमरीज को लेकर जैसे ही परिजन इमरजेंसी गेट तक आते हैं. उनके मरीज को ट्रॉली मैन बिना पूछे चिकित्सक के पास ले जाये और चिकित्सक भी उसी फुर्ती से मरीज का इलाज शुरू करे. इस दौरान चिकित्सक परिजनों से ठीक से बात करें और उनकी काउंसेलिंग करें तो परिजनों को यह विश्वास हो जायेगा कि यहां उनके मरीज की जान अब बच जायेगी. साथ ही उन्हें यह भी लगेगा कि इलाज में लापरवाही नहीं बरती जायेगी. ऐसा ही यहां के नर्सों को भी करना चाहिए.

Next Article

Exit mobile version