45 मेगावाट आपूर्ति, शहर में बिजली संकट
एनटीपीसी और कहलगांव के बीच लाइन में आयी थी खराबीसंवाददाता, भागलपुरमंगलवार दोपहर डेढ़ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक चार घंटा के लिए 45 मेगावाट ही बिजली मिली. इससे निर्बाध आपूर्ति नहीं हो सकी. बिजली संकट गहराया रहा. शहर को निर्बाध आपूर्ति के लिए 70 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है. एनएटीपीसी (कहलगांव) से सबौर […]
एनटीपीसी और कहलगांव के बीच लाइन में आयी थी खराबीसंवाददाता, भागलपुरमंगलवार दोपहर डेढ़ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक चार घंटा के लिए 45 मेगावाट ही बिजली मिली. इससे निर्बाध आपूर्ति नहीं हो सकी. बिजली संकट गहराया रहा. शहर को निर्बाध आपूर्ति के लिए 70 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है. एनएटीपीसी (कहलगांव) से सबौर ग्रिड जाने वाली लाइन में अचानक खराबी आ गयी थी. ट्रांसमिशन विभाग ने वैकल्पिक रूट से शहर के लिए बिजली की व्यवस्था की, लेकिन 45 मेगावाट ही आपूर्ति कर सके. नतीजा, सभी विद्युत उपकेंद्रों को एक साथ बिजली नहीं मिल सकी और बिजली संकट गहराया रहा. शाम साढ़े पांच बजे जब एनटीपीसी और सबौर ग्रिड के बीच लाइन दुरुस्त हुआ, तो शहर को पहले की तरह बिजली मिलनी शुरू हुई. मगर, फ्रेंचाइजी कंपनी की ओर से आपूर्ति व्यवस्था दुरुस्त नहीं किये जाने से बिजली संकट बरकरार है.