चीनी भाषा में बौद्ध धर्म के सर्वाधिक स्रोत

-एआइएच विभाग में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध महाविद्यालय, थाइलैंड के प्रोफेसर डॉ चार्ल्स विलमैन ने दिया व्याख्यानफोटो : सुरेंद्रवरीय संवाददाता, भागलपुरविक्रमशिला महाविहार का भ्रमण करने कहलगांव आये थाइलैंड के अंतरराष्ट्रीय बौद्ध महाविद्यालय के प्रोफेसर डॉ चार्ल्स विलमैन ने बुधवार को टिल्हा कोठी में छात्रों को संबोधित किया. प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के छात्रों को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 21, 2015 12:03 AM

-एआइएच विभाग में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध महाविद्यालय, थाइलैंड के प्रोफेसर डॉ चार्ल्स विलमैन ने दिया व्याख्यानफोटो : सुरेंद्रवरीय संवाददाता, भागलपुरविक्रमशिला महाविहार का भ्रमण करने कहलगांव आये थाइलैंड के अंतरराष्ट्रीय बौद्ध महाविद्यालय के प्रोफेसर डॉ चार्ल्स विलमैन ने बुधवार को टिल्हा कोठी में छात्रों को संबोधित किया. प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि बौद्ध धर्म और विशेषकर महायान के संदर्भ जितने स्रोत चीनी भाषा में मिलते हैं, उतने भारत में संस्कृत व पाली में नहीं मिलते. लिहाजा बौद्ध विषयक शोध करने के लिए देसी स्रोतों से अधिक विदेशी स्रोतों का महत्व है. उन स्रोतों से हमें कई ऐसी सूचना मिलती हैं, जिससे हम अनभिज्ञ हैं. लैटिन, ग्रीक, चीनी, जापानी व संस्कृत भाषा व साहित्य के विद्वान प्रो विलमैन के साथ आयीं मुंबई के केजी सोमैय्या इंस्टीट्यूट फॉर बुद्धिस्ट स्टडीज की प्रोफेसर सुप्रिया राय ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो अरुण कुमार झा ने की. प्रो राजीव कुमार सिन्हा ने अतिथियों का परिचय कराया. इस मौके पर डॉ केके मंडल, डॉ एसके त्यागी, डॉ गिरीश चंद्र पांडेय, डॉ शैलेश नारायण, डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह, डॉ रजी इमाम, ओपी पांडेय, अजीत झा उपस्थित थे. धन्यवाद ज्ञापन डॉ बिहारी लाल चौधरी ने किया.

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